दूसरों की क्षमता को कम नहीं समझना चाहिए प्रस्तुत कथन के बारे में अपने विचार लिखिए
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ऐसा हो जाता है पर याद रखना कि तुम्हें दूसरों की क्षमताओं को कम नहीं समझना चाहिए। ईश्वर ने सबको अलग-अलग गुण दिए हैं। “सामाजिक जीवन में क्रोध की ज़रूरत बराबर पड़ती है। ... आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का यह कथन इस बात की पुष्टि करता है कि क्रोध हमेशा नकारात्मक भाव लिए नहीं होता बल्कि कभी-कभी सकारात्मक भी होता है।
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