दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
है?
दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
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दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
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दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
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दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
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दूसरे पद में रैदास जी ने नाम देव, कबीर ,त्रिलोचन, सधना तथा सैनु का वर्णन क्यों किया
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मित्र रैदास ने अपने पदों में प्रभु की विशेषताओं तथा गुणों का बखान किया है। उनके प्रभु जाति-पांति तथा भेदभाव नहीं करते। उऩ्होंने नामदेव, कबीर, त्रिलोचन तथा सधना जैसे भक्तों का बखान किया है। ये सभी भक्त छोटी जाति के थे परंतु प्रभु ने उन्हें तार दिया है। यहाँ पर रैदास इनके माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि उनके प्रभु ने छोटी जाति वाले अपने भक्तों को भी सम्मान दिलाया है। उनपर अपनी कृपा बनाए रखी है।
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