दूसरे दिन हमने भरिया ढूँढ़ने की कोशिश की, लेकिन कोई न मिला। सवेरे ही चल दिए होते ती अच्छा था,लेकिन भत्र 0-0 बजे की तेज धूप में चलना पड़ रहा या था। तिल्लत की धूप भी बहुत कड़ी मालूम होती है यद्यपि थोड़े से भी मोटे कपड़े से सिर की ढाँक लें,ती वीरमी बतम ही जाती है। आप वजे सूरज की और मुंह करके चल रहे हैं, ललाट धूप से जल रहा है और पीछे का कंधा बरफ ही रहा है। फिर हमने पीठ पर अपनी-अपनी चीजे लादी, उंडा हाथ में लिया और चल पड़े।
तिब्बत की धूप व ठंड का वर्णन अपने शब्दो में कीजिए।
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दूसरे दिन हमने भरिया ढूँढ़ने की कोशिश की, लेकिन कोई न मिला। सवेरे ही चल दिए होते ती अच्छा था,लेकिन भत्र 0-0 बजे की तेज धूप में चलना पड़ रहा या था। तिल्लत की धूप भी बहुत कड़ी मालूम होती है यद्यपि थोड़े से भी मोटे कपड़े से सिर की ढाँक लें,ती वीरमी बतम ही जाती है। आप वजे सूरज की और मुंह करके चल रहे हैं, ललाट धूप से जल रहा है और पीछे का कंधा बरफ ही रहा है। फिर हमने पीठ पर अपनी-अपनी चीजे लादी, उंडा हाथ में लिया और चल पड़े।
तिब्बत की धूप व ठंड का वर्णन अपने शब्दो में कीजिए।
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