दूसरे धर्म के प्रति साभाव कियो आवाशयक है
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Explanation:
हिन्दू धर्म वेदों पर आधारित धर्म है। वेदों से ही स्मृति और पुराणों की उत्पत्ति हुई है। वेदों के सार को उपनिषद और उपनिषदों के सार को गीता कहते हैं। श्रुति के अंतर्गत वेद आते हैं बाकी सभी ग्रंथ स्मृति ग्रंथ हैं। रामायण और महाभारत इतिहास ग्रंथ हैं।
उपरोक्त ग्रंथों में जीवन, परिवार, समाज और राष्ट्र को बेहतर बनाने के लिए कई सूत्र दिए गए हैं। यदि आपको हिन्दू धर्म के संबंध में अच्छे से जानना है तो आप सभी उपनिषद पढ़ लें आपको समझ में आ जाएगा कि ईश्वर, सृष्टि, आत्मा और जीवन का रहस्य क्या है। हालांकि आजकल कोई इसे नहीं जानता चाहता, लेकिन फिर भी हम आपके सामने ऐसी बातें रख रहे हैं जो कि हिन्दू धर्म में प्रमुखता से उल्लेखीत है।
निम्नलिखित बातें सभी धर्मों के लोगों के लिए सिखने की है। क्योंकि धर्म, सत्य और जीवन का सत्य इसी में छुपा हुआ है। यदि किसी भी प्रकार का धर्म लोगों के भीतर सांप्रदायिक सोच को भरता है तो यह समझना होगा कि असल में वह धर्म है कि नहीं? महज एक संगठन?
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