देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है | ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए
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देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है | ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए
कर चले हम फिदा' गीत कैफ़ी आज़मी द्वारा रचित है।देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है | जिस प्रकार हमारे वीर सैनिकों ने अपने देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान किया | देश को आज़ाद करवाने के लिए बहुत से लोगों ने बहुत से त्याग और बलिदान दिए है |एकता और बलिदान से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है | कुछ पाने के लिए बलिदान बहुत जरूरी है |
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता हमें यह संदेश देती है सैनिक अपना आखरी संदेश दे रहें है, कि वो जवान जो अपनी जान की परवा ना करते हुए अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान से दी और अपने भारत देश की रक्षा करते करते हुए शहीद हो गए है ,उनके बाद इस देश की रक्षा करने की जिम्मेदारी अब तुम्हारें कंधों पर है। हमें देश की रक्षा करनी है उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है ।
Explanation:
देश की एकता और अखंडता बलिदान माँगती है | ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए
गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा गया है, क्योंकि सन् 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदानों से, उनके रक्त से धरती लाल हो गई थी, मानो धरती ने किसी दुलहन की भाँति लाल पोशाक पहन ली हो अर्थात भारतीय सैनिकों के रक्त से पूरी युद्धभूमि लाल हो गई थी।