'देश की माटी' कविता में कौन-कौन से गुणों की कामना की गई है?
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“देश की माटी” कविता ‘गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर’ द्वारा लिखी गई कविता है। इस कविता में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने ईश्वर से अपने देश की मिट्टी, जल, वायु तथा देश की समस्त वनस्पति को मधुरता और सरसता के रस से परिपूर्ण कर देने की कामना की है। कवि ने ईश्वर से यह कामना की है कि देश के सभी घर और घाट, देश के सभी वन और मार्ग सरल हो जाएं। देश में निवास करने वाले सभी निवासी तन और मन से साफ और स्वच्छ रहें। उनमें आपस में भाईचारे की भावना उत्पन्न हो और सब मिलजुल कर रहें।
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देश की माटी कविता में कौन-कौन से गुणों की कामना की गई है
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