'देश के निर्माण एवं उज्जवल भविष्य के लिए विद्यार्थियों की भूमिका असंदिग्ध है क्योंकि आज के विद्यार्थी ही देश के भावी कर्णधार है।' इस कथन के आधार पर एक प्रस्ताव लिखिए।
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आज के विद्यार्थी कल देश के नागरिक होंगे, छात्र जीवन में ही उनके मन में राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना यदि भर जाए तो वे राष्ट्र की उन्नति में सहायक होंगे जिस मातृभूमि की गोद में हमने जन्म लिया है| जिस की धरती से हमारा पालन पोषण हुआ है, उस देश की सेवा प्रगति में आज के छात्रों को भी इस प्रगति में पूर्ण सहयोग देना चाहिए| छात्रों को ना केवल अपने अधिकारों के बारे में सचेत रहना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति भी उतनी ही निष्ठा रखनी चाहिए,जितनी कि वह अपने उचित काम के प्रति रखते रखते हैं|छात्रों की प्रत्येक गतिविधि की परछाईं देश के चरित्र में स्पष्ट झलकती है| छात्र देश के कर्णधार हैं, समाज व्यक्ति से ही बनता है| वह बहुत सी इकाइयों का समूह है और छात्र देश के अविभाज्य अंग है, छात्रों का प्रत्येक निष्ठापूर्वक किया हुआ कार्य देश को, देश के चरित्र को, देश के मान-सम्मान और गौरव को बनाता है|छात्र और जनता अच्छी होगी तो देश अच्छा कहलाएगा| यदि छात्र अनुशासित होंगे तो देश अनुशासित कहलाएगा ईमानदारी, सच्चाई और दूसरों के क्रियाकलाप में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना ही एक प्रगतिशील राष्ट्र की निशानी है| देश की प्रगति में छात्रों के योगदान का आशा है, की निष्ठा भाव से अध्ययन करना | क्योंकि विद्या प्राप्ति के लिए एक अवस्था और एक समय निश्चित है| यदि इस अवस्था में एक निष्ठा का अभाव रहा तो भावी जीवन के उद्देश्यों की पूर्ति संभव नहीं है, जीवन की नींव ही यदि कमजोर हुई तो उस पर जो घर खड़ा होगा, वह स्थाई नहीं रह पाएगा वह केवल लड़खड़ाते हुए अपनी जिंदगी काटेगा| यदि छात्र संपूर्ण तन्मयता से एक श्रेष्ठ सुसंस्कृत सभ्य नागरिक बनने की तैयारी करें रहे हैं, तो यही देश सेवा है| छात्र चाहे तो कुशल, व्यवसाई, विद्वान, वक्ता, सफल, प्रसिद्ध, निपुण कलाकार कुछ भी बन सकता है और यही आज का छात्र कल का सभ्य नागरिक बन कर देश की प्रगति में सहायक होगा|