Hindi, asked by archanacool1986, 1 month ago

देश की सीमा पर तैनात सैनिकों का सहयोग हमें किस प्रकार करना चाहिए ताकि वह अपना कर्तव्य भलीभांति निभा पाएं​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

देश के सच्चे सपूत सीमा पर तैनात हैं हमारे लिए आप पर हमें गुमान है। आजादी के बाद से ही सरहद की हर पल रक्षा करना ही अपना धर्म समझते हैं।

Answered by sanskarpatel10
2

Explanation:

Jagran Logodanik jagranकोरोना वायरस

बड़ी खबरें

ताजा

राष्ट्रीय

स्पेशल

बजट 2021

दुनिया

शसी भी देश के क्यों न हों, उनकी जिंदगी हमेशा कठिनाईयों से भरी होती हैं। सैनिक हमारे देश के प्रहरी होते है, जब तक वे सीमा पर तैनात हैं, तब तक हम भी चैन की सांस ले पाते हैं। राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता व एकता को बनाए रखने में भारतीय सशस्त्र सेनाओं का योगदान किसी से छुपा नहीं है। देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले सैनिक अपने परिवार से दूर रहते हैं। अखंडता, एकता व भाईचारे के प्रतीक जाबाज सैनिक हम सबके प्रेरणास्रोत हैं। कठिन से कठिन मुसीबतों का सुनियोजित व संगठित तरीके से किस प्रकार हल निकालना जाना चाहिए तथा इन परिस्थितियों से भारत माता की रक्षा कैसे की जाए, यह सब हमें भारतीय सशस्त्र सेनाओं के उन जाबाजों से सीखना चाहिए जो देश की रक्षा के लिए हर समय मर-मिटने के लिए तैयार रहते हैं।

सैनिक अपने कर्तव्य पालन व उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर उनसे मीलों दूर रहकर संपूर्ण भारत को अपना घर व प्रत्येक भारतवासी को अपना पारिवारिक सदस्य मानते हैं। भारतीय थल सेना हमेशा आपदाओं के समय में भी देश के लोगों की रक्षा के लिए तत्पर रहती है। इसी प्रकार भारतीय नौसेना भी सशस्त्र सेनाओं का एक अंग है, जो देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं समय राहत व बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी प्रकार वायु सेना भी आकाशीय मार्ग से आने वाले प्रत्येक देश के दुश्मनों पर नजर रखती है और दुश्मनों को अपनी सीमा में घुसने से पहले ही समाप्त करने की क्षमता भी भारतीय वायु सेना में है।

हमारे देश के चारों तरफ संकट की सीमायें बनी हुई है, इन सीमाओं को सुरक्षित रखने में अहम योगदान हमारे इन्हीं तीनों सेनाओं के वीर सैनिकों का है। हमारे देश के सैनिकों ने कभी भी किसी के सामने घुटने नहीं टेके। हमारी सेना का आदर्श वाक्य है 'करो या मरो'। इसलिये हमें अपने देश के सैनिकों का हमेशा सम्मान करना चाहिए जिनकी बदौलत हम चैन से अपना जीवन जी पा रहे हैं।

एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ कर्तव्यों का पालन व्यक्तिगत रूप से भी किए जाने की आवश्यकता हैं। देश में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए सभी को नागरिकता के कर्तव्यों का पालन करना चाहिये। एक देश पिछड़ा, गरीब या विकासशील हैं तो सब- कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता हैं तब तो और भी विशेष रूप से जब कि वह देश एक प्रजातात्रिक देश हों। प्रत्येक को देश के अच्छे नागरिक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाए गए कानूनों का पालन करना चाहिए। कर्तव्यपरायणता की यह सीख हम सेना के जवानों से ले सकते हैं।

युवाओं को सेना में भर्ती होना चाहिए। मोर्चे पर जाने वाली सेना की तरह ही नागरिक रक्षा के लिए बन रही आन्तरिक रक्षा सेना की भी आवश्यकता है। सैनिक शिक्षण की सुविधाऐं जिन्हें प्राप्त हो सकें उसे सीखना चाहिए और व्यक्तिगत आवश्यक कार्यो की तरह राष्ट्र रक्षा के लिए भी तत्पर रहना चाहिए। एक जिम्मेदार और सक्षम नागरिक को रक्षा कोष में उदारता पूर्वक दान देना चाहिए। सैनिक हित में सरकारी और अर्धसरकारी प्रयत्‍‌न जहां चल रहे हैं वहां उनमें सहयोग देने हमारा कर्तव्य है।

हमारी सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है। सेना मानवता की बड़ी मिसाल है। जब कभी भी प्राकृतिक आपदा आती है तो सेना लोगों की जिन्दगी बचाने का काम करती है। उस वक्त सेना यह नहीं सोचती कि यह लोग कौन हैं। विश्व में शाति रक्षक बलों में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश भारत है। हमारे यहां महान परंपरा रही है कि वीर सैनिक मानवता के लिए जीते हैं और मरते है ।

हमें अपने सैनिकों के कृतित्व से प्रेरणा लेने की जरूरत है जिस तरह वह सीमाओं की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं, उसी तरह हमें भी देश के विकास के लिए अपना योगदान करना चाहिए।

Similar questions