देशों के सामने फिलहाल जो खतरे मौजूद हैं उनमें परमाण्विक हथियार का सुरक्षा अथवा अपराध के लिए बड़ा सीमित उपयोग रह गया है I इस कथन का विस्तार करें I
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"सुरक्षा के परंपरागत धारणा में स्वीकार किया जाता है कि युद्ध आत्मरक्षा अथवा दूसरों को जनसंहार से बचाने के लिए ही करना चाहिए| किसी युद्ध में युद्ध साधनों का सीमित इस्तेमाल होना चाहिए| सेना को उतने ही बल का प्रयोग करना चाहिए जितना आत्मरक्षा के लिए जरूरी हो वह उसे एक सीमा तक ही हिंसा का सहारा लेना चाहिए|
सुरक्षा की परंपरागत धारणा इस संभावना से इनकार नहीं करती कि देशों के बीच किसी ना किसी रूप मैं सहयोग हो| इनमें सबसे महत्वपूर्ण है निरस्त्रीकरण, अस्त्र नियंत्रण तथा विश्वास की बहाली|
1 निरस्त्रीकरण: निरस्त्रीकरण की मांग होती है कि सभी राज्य चाहे उनका आकार ताकत और प्रभाव कुछ भी हो, कुछ खास किस्म के हथियारों के निर्माण से बाज आएं|
2. अस्त्र नियंत्रण: अस्त्र नियंत्रण के अंतर्गत हथियारों को विकसित करने अथवा उनको हासिल करने के संबंध मैं कुछ कायदे कानूनों का पालन करना पड़ता है|
3. विश्वास की बहाली: सुरक्षा की पारंपरिक धारणा में यह बात भी स्वीकार की गई है कि विश्वास बहाली के उपायों से देशों के बीच हिंसाचार कम किया जा सकता है| विश्वास बहाली की प्रक्रिया में सैन्य टकराव और प्रतिद्वंदीता वाले देश सूचनाओं तथा विचारों के नियमित आदान-प्रदान का फैसला करते हैं| दो देश एक दूसरे को अपने फौजी मकसद तथा एक हद तक अपनी सैन्य योजनाओं के बारे में बताते हैं ऐसा करके यह देश अपने प्रतिद्वंदी को इस बात का आश्वासन देते हैं कि उनकी तरफ से औचक हमले की योजना नहीं बनाई जा रही|
कुल मिलाकर देखा जाए तो सुरक्षा की परंपरागत धारणा मुख्य रूप से सैन्य बल के प्रयोग अथवा सैन्य बल के प्रयोग की आशंका से संबंध है| सैन्य बल से सुरक्षा को खतरा पहुंचता है और सैन्य बल से ही सुरक्षा को बरकरार रखा जा सकता है|"
Answer:
सुरक्षा की परंपरागत धारणा इस संभावना से इनकार नहीं करती कि देशों के बीच किसी ना किसी रूप मैं सहयोग हो| इनमें सबसे महत्वपूर्ण है निरस्त्रीकरण, अस्त्र नियंत्रण तथा विश्वास की बहाली|
1 निरस्त्रीकरण: निरस्त्रीकरण की मांग होती है कि सभी राज्य चाहे उनका आकार ताकत और प्रभाव कुछ भी हो, कुछ खास किस्म के हथियारों के निर्माण से बाज आएं|
2. अस्त्र नियंत्रण: अस्त्र नियंत्रण के अंतर्गत हथियारों को विकसित करने अथवा उनको हासिल करने के संबंध मैं कुछ कायदे कानूनों का पालन करना पड़ता है|
3. विश्वास की बहाली: सुरक्षा की पारंपरिक धारणा में यह बात भी स्वीकार की गई है कि विश्वास बहाली के उपायों से देशों के बीच हिंसाचार कम किया जा सकता है| विश्वास बहाली की प्रक्रिया में सैन्य टकराव और प्रतिद्वंदीता वाले देश सूचनाओं तथा विचारों के नियमित आदान-प्रदान का फैसला करते हैं|