देश के समुचित विकास के लिए राजनीतिक सथरता अत्यंत आवश्यक है
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देश के समुचित विकास के लिये राजनीतिक स्थिरता अत्यन्त आवश्यक
देश के समुचित विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि राजनीतिक स्थिरता के बिना कोई भी मजबूत और उचित निर्णय नहीं लिया जा सकता राजनीतिक स्थिरता तभी कायम रहेगी, जब कोई सरकार बहुमत में होगी। मजबूत स्थिति में होगी और मजबूत सरकार ही कठिन और उचित निर्णय ले सकती है। वही देश के विकास के संबंध में सही कदम उठा सकती है।
राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति में अस्थिर सरकार अपनी सरकार बचाने की कोशिश में लगी रहती है क्योंकि उसपर हमेशा विपक्षी दलों द्वारा सरकार गिराने का दवाब रहता है।ऐसी स्थिति में वह देश के विकास पर समुचित ध्यान नहीं दे सकती। इसलिए देश के विकास में राजनीतिक स्थिरता बड़ी जरूरी है। इसका उदाहरण हम अपने देश में ही पिछले पाँच-सात सालों से देख रहे हैं। जब पिछली बार की सरकार बहुमत में थी और नई सरकार भी अच्छे खासे बहुमत से आई है जिससे राजनीतिक स्थिरता बनी हुई है। जबकि 1996 से 1999 के बीच के समय में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था इस कारण देश में कोई भी स्थिर सरकार नहीं बन पाई और बार-बार सरकारी बनती बिगड़ती रही। ऐसी स्थिति में देश के असली मुद्दे से सरकारों का ध्यान हट जाता है और सरकारें केवल अपनी सरकार को बचाने की जुगत लगी रहती है और देश समुचित विकास नहीं हो सकता, इसलिए देश के विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता अत्यंत जरूरी है
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जागरण टीम, कंसा चौक/ऊना/कांगड़ा : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राजनीतिक स्थिरता से ही विकास को बढ़ावा मिलता है। निरंतर विकास के लिए गुजरात की तरह हिमाचल में भी राजनीतिक स्थिरता जरूरी है। गुजरात पूरे देश में इसका एकमात्र उदाहरण है।
मोदी ने मंडी जिला के कंसा चौक में बल्ह, सदर, नाचन व सुंदरनगर विस क्षेत्र के प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि सरकारें बदलने से विकास को विराम लगता है। इसलिए यह जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा की सरकार दोबारा बने। धूमल सरकार ने प्रदेश में अथाह विकास करवाया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वहीं, मोदी ने ऊना जिला के बसाल गांव में कुटलैहड़ से भाजपा उम्मीदवार वीरेंद्र कंवर व चिंतपूर्णी विस क्षेत्र से उम्मीदवार बलवीर चौधरी के पक्ष में आयोजित जनसभा में कहा कि अहंकार से भरी कांग्रेस जनता को अपनी जेब में मानती है। अब जनता आंखें खोल कर सब कुछ देख रही है। दो लाख करोड़ रुपये का कोयला घोटाला होता है, कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगते हैं, लेकिन उन्हें पदोन्नति दी जा रही है। केंद्र ने रसोई गैस के सिलेंडर कम कर दिए जिससे प्रदेश के जंगल कटेंगे और सौंदर्य समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस दावा करती है कि पार्टी के मुख्यमंत्रियों वाले प्रदेशों में आम जनता को छह के बाद अगले तीन सिलेंडर भी सब्सिडी पर मिलेंगे लेकिन कहीं भी एक सिलेंडर नहीं दिया गया है। धूमल के हाथों में ही हिमाचल के हित सुरक्षित हैं जिन्होंने लोगों की समस्या का समाधान निकाला और इंडक्शन चूल्हा देने का वादा कर उनकी समस्या को समझा है। प्रदेश को प्राथमिक शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में अग्रणी किया गया है। भाजपा सरकार के मिशन रिपीट को सफल बनाकर राजनीतिक स्थिरता लाने से प्रदेश का विकास भी गुजरात की तर्ज पर होगा।