थे शिक्षा पूरी कव कहलाएगी ?
Answers
Answer:
नई शिक्षा नीति-2020 की मुख्य बातें
•नई शिक्षा नीति में पाँचवी क्लास तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखने की बात कही गई है. इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. विदेशी भाषाओं की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी. हालांकि नई शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा.
•साल 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर (Gross Enrolment Ratio) के साथ माध्यमिक स्तर तक एजुकेशन फ़ॉर ऑल का लक्ष्य रखा गया है.
•अभी स्कूल से दूर रह रहे दो करोड़ बच्चों को दोबारा मुख्य धारा में लाया जाएगा. इसके लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास और नवीन शिक्षा केंद्रों की स्थापनी की जाएगी.
•स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है. इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है.
•नई प्रणाली में प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा और तीन साल की आंगनवाड़ी होगी. इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए तीन साली की प्री-प्राइमरी और पहली तथा दूसरी क्लास को रखा गया है. अगले स्टेज में तीसरी, चौथी और पाँचवी क्लास को रखा गया है. इसके बाद मिडिल स्कूल याना 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा. सभी छात्र केवल तीसरी, पाँचवी और आठवी कक्षा में परीक्षा देंगे. 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पहले की तरह जारी रहेगी. लेकिन बच्चों के समग्र विकास करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इन्हें नया स्वरूप दिया जाएगा. एक नया राष्ट्रीय आकलन केंद्र 'परख (समग्र विकास के लिए कार्य-प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा.
•पढ़ने-लिखने और जोड़-घटाव (संख्यात्मक ज्ञान) की बुनियादी योग्यता पर ज़ोर दिया जाएगा. बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान की प्राप्ति को सही ढंग से सीखने के लिए अत्यंत ज़रूरी एवं पहली आवश्यकता मानते हुए 'एनईपी 2020' में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा 'बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन' की स्थापना किए जाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है.
•एनसीईआरटी 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (एनसीपीएफ़ईसीसीई) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा.
•स्कूलों में शैक्षणिक धाराओं, पाठ्येतर गतिविधियों और व्यावसायिक शिक्षा के बीच ख़ास अंतर नहीं किया जाएगा.
•सामाजिक और आर्थिक नज़रिए से वंचित समूहों (SEDG) की शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा.
•शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रोफ़ेशनल मानक (एनपीएसटी) राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2022 तक विकसित किया जाएगा, जिसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी स्तरों एवं क्षेत्रों के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा.
Answer:
bhai sahab aap ka
question aadha ha I
pahle usse pura kijae
.
...(^v^)
pranaam.....