Hindi, asked by mdghazikt123, 2 months ago

देश के विभिन्न भागों में किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं इन्हें कैसे रोका जा सकता है​

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Answered by Anonymous
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श्रृति नाइक एक मनोवैज्ञानिक हैं और किसान मित्र हेल्पलाइन के लिए काम करती हैं। पिछले साल 15-16 अगस्त को तेलंगाना में बाढ़ के तुरंत बाद उन्हें एक फोन आया। फोन करने वाला एक दुखी किसान शिवन्ना था। वह एक छोटा कपास किसान है। बाढ़ ने उसकी फसल को तबाह कर दिया था। इस नुकसान से भविष्य को लेकर वह इतना भयभीत हो गया कि कीटनाशक पीकर जान देने के लिए तैयार हो गया था।

नाइक बताती हैं, “गनीमत रही कि जहर पीने से पहले पड़ोसियों ने उसे देख लिया और हमें फोन करने के लिए बाध्य किया।” हालात की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की गई। नाइक लगातार किसान शिवन्ना से बात करती रहीं जबकि एक किसान मित्र फील्ड कॉर्डिनेटर मामले में दखल देने के लिए तुरंत मौके पर भेज दिया गया।

नाइक ने डाउन टू अर्थ को बताया, “हमने समय पर मामले में हस्तक्षेप किया। एक स्थानीय कृषि अधिकारी को साथ लेकर हम शिवन्ना से मिलने पहुंचे। हमने उसे जिलाधिकारी से भी मिलवाया। जिलाधिकारी ने शिवन्ना को उस भूमि का पैसा दिलवाने में मदद की जो उसने बेची थी। साथ ही एक ऑटो रिक्शा को खरीदने के लिए वित्तीय मदद भी दी। तब से उसकी हालत ठीक है।” पहले इस तरह के उपाय न होने के कारण किसान मित्र की शुरुआत की गई थी ताकि संघर्ष कर रहे किसानों को समय रहते मदद मुहैया कराई जा सके।

सरकार ने किसान आत्महत्या के मामलों पर चुप्पी साध रखी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2015 से किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों को अपडेट नहीं किया है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में 8,007 किसानों और 4,595 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की। कायदे से एनसीआरबी का आंकड़ा हर साल अपडेट होना चाहिए। 2016 और 2017 का आंकड़ा जारी न करना दर्शाता है कि किसान आत्महत्या और उनके विरोध प्रदर्शनों को सरकारी दस्तावेजों में कोई जगह नहीं मिली है। हालांकि कुछ लोग और संगठन जमीन पर काम कर रहे हैं ताकि किसान आत्महत्या को रोकने में आवश्यक दखल दिया जा सके।

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