Hindi, asked by arsharyan389, 21 hours ago

देश की यह कैसी विडंबना है, आप इसमें ककस प्रकार का पररितवन लाना चाहेग​

Answers

Answered by itzmecuterose
0

Answer:

सचमुच यह 'मनुस्मृति' ही एक पुस्तक है, जिसके कारण भारत के दो बड़े समुदायों में इतना बड़ा कटुतापूर्ण विग्रह उठ खड़ा हुआ, जिससे देश की बहुत बड़ी हानि हुई। इसके कारण ही भारत रत्न बाबासाहेब आम्बेडकर को इस पुस्तक को सार्वजनिक रूप से जलाने का निर्णय लेना पड़ा।

सिंहलजी द्वारा वर्तमान मनुस्मृति को नकारा जाना ही मेरे लिए उल्लास का कारण बना। उनकी उपरोक्त पुस्तक पढ़कर मेरे निकट संपर्क में आने वाले 'विश्व हिन्दू परिषद' के सहसचिव विपश्यी साधक बालकृष्ण नायक को मैंने जो पत्र लिखा, उसका मुख्य अंश इस प्रकार है : -

' लोक-प्रचलित 'मनुस्मृति' ने हमारे समाज में ऊँच-नीच का जो अमानुषिक, अनैतिक और अधार्मिक विभाजन का गर्हित विधान प्रस्तुत किया, उसे मन-ही-मन गलत समझते हुए भी अपने यहाँ का कोई नेता खुलकर इसका विरोध नहीं कर सका।

Explanation:

hope it helps

Answered by sabarish13052011
0

Answer:

सचमुच यह 'मनुस्मृति' ही एक पुस्तक है, जिसके कारण भारत के दो बड़े समुदायों में इतना बड़ा कटुतापूर्ण विग्रह उठ खड़ा हुआ, जिससे देश की बहुत बड़ी हानि हुई। इसके कारण ही भारत रत्न बाबासाहेब आम्बेडकर को इस पुस्तक को सार्वजनिक रूप से जलाने का निर्णय लेना पड़ा।

सिंहलजी द्वारा वर्तमान मनुस्मृति को नकारा जाना ही मेरे लिए उल्लास का कारण बना। उनकी उपरोक्त पुस्तक पढ़कर मेरे निकट संपर्क में आने वाले 'विश्व हिन्दू परिषद' के सहसचिव विपश्यी साधक बालकृष्ण नायक को मैंने जो पत्र लिखा, उसका मुख्य अंश इस प्रकार है : -

' लोक-प्रचलित 'मनुस्मृति' ने हमारे समाज में ऊँच-नीच का जो अमानुषिक, अनैतिक और अधार्मिक विभाजन का गर्हित विधान प्रस्तुत किया, उसे मन-ही-मन गलत समझते हुए भी अपने यहाँ का कोई नेता खुलकर इसका विरोध नहीं कर सका।

Explanation:

hope it helps

Similar questions