Hindi, asked by Devinderdagar3, 7 months ago

देश में बढ़ते भ्रष्टाचार की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखिए |

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Answered by abd320923
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Answer:

दिल्ली: 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि “ना खाऊँगा और ना खाने दूँगा”. इसी मिशन के तहत सरकार ने अपनी ओर से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. अभी हाल में ही भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ अधिकारियों को ज़बरन रिटायरमेंट भी सरकार ने दिया था. बड़े अधिकारी अपना कारनामों को छिपाने में पिछले कई सालों से कामयाब होते रहे हैं. लेकिन अब मोदी सरकार के निशाने पर भ्रष्ट IAS, IPS और ऑल इंडिया सर्विसेज़ के अन्य अधिकारी हैं.

पिछले 3 साल में केन्द्र सरकार के DoPT मंत्रालय ने 18 IAS, 2 IPS और 3 IFoS अधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया है. इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. 18 IAS अधिकारियों में से 16 के खिलाफ केन्द्र सरकार ने Prosecution की मंज़ूरी दी है, यानि उनके खिलाफ केस चलाया जा सकता है और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी होगी. यही नहीं 2 IAS अधिकारियों को नौकरी से भी बर्खास्त किया गया है. इन 2 IAS अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप थे.

Answered by sanjay047
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Explanation:

भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय संसद में इस बात पर बहस भी होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है।

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