Hindi, asked by bheemverma64, 1 month ago

दिशाओ को मृदंग की तरह बजाते हुए पंक्ति का तात्पर्य क्या है ।​

Answers

Answered by pradeepkr7169
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Answer:

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के समान आते हैं। ❖दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है? ... अर्थात जब बच्चे छत में यहाँ से वहाँ कूदते-फाँगते हैं, तो लगता है मानो वे मृदंग (छत) में हाथ (पैरों) से थाप पर रहे हैं। इस कारण से स्वर फूट रहे हैं, जो कवि को मृदंग बजाने के समान लगता है।

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Answered by UsmanSant
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दिशाओ को मृदंग की तरह बजाते हुए पंक्ति का तात्पर्य यह है कि

  • जब भी बच्चे छत पर यहाँ से वहाँ कूदते-फाँगते हैं। तो लगता है मानो वे मृदंग जिसे यहां छत को माना गया है में हाथ –पैरों से थाप पर रहे हैं। इस कारण से स्वर फूट रहे हैं, जो कवि को मृदंग बजाने के समान लगता है।
  • दिशाओं का मृदंग की तरह बजने से तात्पर्य यह है कि बच्चों के चहल पहल से चारों दिशाएं गुंजायमान हो गई हैं।
  • और ऐसे में हर दिशाओं से आवाजे आ रही जो किसी मृदंग के समान लग रही हैं।
  • कवि ने बहुत खूबसूरती से इसका जिक्र किया है और शब्दों में पिरोया है।

#SPJ5

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