Hindi, asked by nadasharma20, 6 months ago

देश प्रेम के ओ मतवालो! डनको भूल न जाना,
नहाप्रलय की अग्नि साथ लेकर जो जग में आए।
विश्व बली शासन के भय जिनके आगे मुरझाए,
चले गये जो शीश चढाकर, अर्घ्य लिए प्राणों का,
चलें मजारो पर हम उनके आज प्रदीप जलाएँ।
न:- 1. उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
2. यह कविता किसे सम्बोधित की गई है?
3. कवि किनको न भूलने की बात कह रहा है?
4. पद्यांश का भावार्थ लिखिए।?​

Answers

Answered by apunbhagwann
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Answer:

अब तरक्की करने के लिए खुद का सहारा लेना पड़ेगा,।

Explanation:

हमें मालूम था अंजाम क्या होगा उससे दिल लगाने का लेकिन जवानी जोश पर था ज़िन्दगी बर्बाद कर बैठे,।

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