देश प्रेम पर कविता।
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Answer:
एकता का ये पाठ सिखाये
कुदरत का हर रंग दिखाए
ईद हो या फिर हो दिवाली
मिल कर हम सब त्यौहार मनाये,
इंसानियत से है नाता सबका
इक दूजे में बसते प्राण
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।
पवन, पवित्र और सुन्दर है
धरती ये गुरुओं पीरों की
घर-घर में सुनाई जाती गाथा
योद्धाओं और वीरों की
इसलिए मेरी मातृभूमि पर
मुझे हर क्षण ही है अभिमान
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान
कहें इसे सप्तसिंधु, इंडिया
भारत और हिन्दुस्तान
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।
Answer:
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान
कहें इसे सप्तसिंधु, इंडिया
भारत और हिन्दुस्तान
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।
एकता का ये पाठ सिखाये
कुदरत का हर रंग दिखाए
ईद हो या फिर हो दिवाली
मिल कर हम सब त्यौहार मनाये,
इंसानियत से है नाता सबका
इक दूजे में बसते प्राण
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।
पवन, पवित्र और सुन्दर है
धरती ये गुरुओं पीरों की
घर-घर में सुनाई जाती गाथा
योद्धाओं और वीरों की
इसलिए मेरी मातृभूमि पर
मुझे हर क्षण ही है अभिमान
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान ।
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान
कहें इसे सप्तसिंधु, इंडिया
भारत और हिन्दुस्तान
यूँ तो देश कई धरती पर
पर मेरा देश है सबसे महान।