देशाटन के ऊपर निबंध today is my test so give me right answer
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देशाटन दो शब्दों से मिलकर बना है देश और अटन। अटन का अर्थ है घूमना। अतः देशाटन का अर्थ हुआ देशों में घूमना। देशाटन से वह ज्ञान मिलता है, जो अध्ययन करने से नहीं मिल सकता। देशाटन करने से मनुष्य एक दूसरे से संपर्क स्थापित करता है
तथा वहां की सभ्यता और संस्कृति से अपना परिचय स्थापित करता है। जो मनुष्य देशाटन नहीं करते, उनका ज्ञान अधूरा रहता है। स्वर्गीय महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने देशाटन के विषय में अत्यधिक साहित्य का सृजन किया है। उन्होंने "अथातो ब्रह्म जिज्ञासा" इस वेदांत सूत्र के समान "अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा" इत्यादि रूप से सूत्रों का प्रणयन किया है। देशाटन द्वारा लोगों का एक दूसरे पर धार्मिक सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रभाव भी पड़ता है
आदि गुरु शंकराचार्य ने भी चार पीठों की स्थापना करके देशाटन के महत्व पर पूर्ण प्रकाश डाला है। यदि भगवान शंकराचार्य देश में चारों और घूमते नहीं तो किस प्रकार वे देश में चार पीठों की स्थापना करते। अतः यह सिद्ध होता है कि शंकराचार्य जी जैसे महापुरुष भी देशाटन का महत्व ह्रदय से अंगीकार करते थे, हृदय से अंगीकार करते थे।
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