देशभक्ति के उप्पर खुद से बनाये हुआ एक कविता
Answers
Answered by
2
हमारा देश कई वर्षो तक ब्रिटिश सरकार का गुलाम रहा तो हमारे देश के महान पुरुषो ने इसका बहिष्कार किया था इसी के चलते हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और हर साल इस दिन को बड़े ही धूम धाम के साथ मनाते है.
लेकिन जो इस लड़ाई में शहीद हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए पुरे भारत वर्ष में प्रार्थना होती है| इस दिन कई आँखे नम भी होती है तो कही शान से जीने की नई उमंग मिलती है क्योंकि इस दिन हमारे महान देशवासियों ने देश को आजाद तो कराया और अपना बलिदान भी दे दिया.
15 अगस्त वाले दिन पुरे देश के विधायालो में बड़ी धूम धाम के साथ इस दिन का स्वागत होता है और सभी बच्चे इसमें बड चढ़ कर हिस्सा लेते है.
कई बच्चे देश भक्ति कविता भी सुनाते है और जो बच्चे कविता ढूंढ नहीं पाते है उनके लिए हम लेकर आये है देश भक्ति कविता का बेस्ट कलेक्शन|
यह देश भक्ति कविता बहुत ही सुंदर और शानदार है यह कविताये सभी को बहुत पसंद आएँगी और यह सबके मन को बहुत भाएगी
देश भक्ति बाल कविता को आप ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर कीजिये जिससे की और लोग भी देख सके और खुद भी इस्तमाल कर सके| आप इन्हें कॉपी पेस्ट भी कर सकते है| तो चलिए लेख पड़ना शुरू करते है.
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
हाथ में ध्वजा रहे
बाल-दल सजा रहे
ध्वज कभी झुके नहीं
दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
सामने पहाड़ हो
सिंह का दहाड़ हो
तुम निडर हटो नहीं
तुम निडर डटो वही
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
मेघ गरजते रहे
मेघ बरसते रहे
बिजलियाँ कड़क उठे
बिजलियाँ तडके उठे
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
प्रात हो की रात हो
संग हो ना साथ हो
सूर्या से बड़े चलो
चंद्र से बड़े चलो
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
एक ध्वज लिए हुए
एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिए
पितृ भूमि के लिए
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
अन्न भूमि में भरा
वारि भूमि में भरा
यत्र कर निकाल लो
रत्र भर निकाल लो
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
जग में सुंदर देश हमारा
अपना भारत है हमे
अपने प्राणों से प्यारा
नदी, खेत, बाग़ और वन
देते है सुंदर जीवन
यहाँ है खुबसूरत
पर्वतो का नजारा
जग में सुंदर देश हमारा
राम, कृष्ण, गौतम और गाँधी का देश
यहाँ है काले, गोरे
सभी रंग विशेष
बहती पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना और नर्मदा
करती है सिंचित जीवन सर्वदा
चलती रहे ये जीवन धार
जग में सुंदर देश हमारा
हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई
हर धर्म के लोग अनेक
मानवता ही धर्म हमारा
जिस-से बने हुए है हम सब एक’
काले गोरे में भेद नहीं
हम सब में मतभेद नहीं
बना हुआ है हम
सब में भाईचारा
जग में सुंदर देश हमारा
हमारे देश की है यही संस्कृति
ईद, दिवाली, होली, क्रिश्मस
सब त्यौहार है लोग मानते
मिल जुल कर है सब गाते
सुंदर राष्ट्र गीत और राष्ट्र गान प्यारा
जग में सुंदर देश हमारा
अपना भारत है हमे
अपने प्राणों से प्यारा
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
युगों – युगों तक लहराएगा, सदा
तिरंगा शान से
केसरिया रंग है झंडे में
शौर्य, वीरता, त्याग का
हरा रंग है खुशहाली और,
जन – जन के अनुराग का
सफ़ेद रंग तो सदा चाहता, सबको
शांति जहान से’
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
इस झंडे के साथ देश का
स्वाभिमान भी ऊँचा है
कसम हमे ना होने देंगे
इस झंडे को नीचा है
नीला चक्र मध्य में कहता, बढे
प्रगति-रथ शान से
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
इस झंडे का मान बढाने
प्राण दिए है वीरो ने
पा आजादी लाला किले पर
फहराया रणधीरों ने
झंडा गीतों की स्वर लहरी
गूंजे दूर वितान से
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
लेकिन जो इस लड़ाई में शहीद हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए पुरे भारत वर्ष में प्रार्थना होती है| इस दिन कई आँखे नम भी होती है तो कही शान से जीने की नई उमंग मिलती है क्योंकि इस दिन हमारे महान देशवासियों ने देश को आजाद तो कराया और अपना बलिदान भी दे दिया.
15 अगस्त वाले दिन पुरे देश के विधायालो में बड़ी धूम धाम के साथ इस दिन का स्वागत होता है और सभी बच्चे इसमें बड चढ़ कर हिस्सा लेते है.
कई बच्चे देश भक्ति कविता भी सुनाते है और जो बच्चे कविता ढूंढ नहीं पाते है उनके लिए हम लेकर आये है देश भक्ति कविता का बेस्ट कलेक्शन|
यह देश भक्ति कविता बहुत ही सुंदर और शानदार है यह कविताये सभी को बहुत पसंद आएँगी और यह सबके मन को बहुत भाएगी
देश भक्ति बाल कविता को आप ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर कीजिये जिससे की और लोग भी देख सके और खुद भी इस्तमाल कर सके| आप इन्हें कॉपी पेस्ट भी कर सकते है| तो चलिए लेख पड़ना शुरू करते है.
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
हाथ में ध्वजा रहे
बाल-दल सजा रहे
ध्वज कभी झुके नहीं
दल कभी रुके नहीं
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
सामने पहाड़ हो
सिंह का दहाड़ हो
तुम निडर हटो नहीं
तुम निडर डटो वही
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
मेघ गरजते रहे
मेघ बरसते रहे
बिजलियाँ कड़क उठे
बिजलियाँ तडके उठे
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
प्रात हो की रात हो
संग हो ना साथ हो
सूर्या से बड़े चलो
चंद्र से बड़े चलो
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
एक ध्वज लिए हुए
एक प्रण किये हुए
मातृ भूमि के लिए
पितृ भूमि के लिए
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
अन्न भूमि में भरा
वारि भूमि में भरा
यत्र कर निकाल लो
रत्र भर निकाल लो
वीर तुम बड़े चलो
धीर तुम बड़े चलो
जग में सुंदर देश हमारा
अपना भारत है हमे
अपने प्राणों से प्यारा
नदी, खेत, बाग़ और वन
देते है सुंदर जीवन
यहाँ है खुबसूरत
पर्वतो का नजारा
जग में सुंदर देश हमारा
राम, कृष्ण, गौतम और गाँधी का देश
यहाँ है काले, गोरे
सभी रंग विशेष
बहती पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना और नर्मदा
करती है सिंचित जीवन सर्वदा
चलती रहे ये जीवन धार
जग में सुंदर देश हमारा
हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई
हर धर्म के लोग अनेक
मानवता ही धर्म हमारा
जिस-से बने हुए है हम सब एक’
काले गोरे में भेद नहीं
हम सब में मतभेद नहीं
बना हुआ है हम
सब में भाईचारा
जग में सुंदर देश हमारा
हमारे देश की है यही संस्कृति
ईद, दिवाली, होली, क्रिश्मस
सब त्यौहार है लोग मानते
मिल जुल कर है सब गाते
सुंदर राष्ट्र गीत और राष्ट्र गान प्यारा
जग में सुंदर देश हमारा
अपना भारत है हमे
अपने प्राणों से प्यारा
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
युगों – युगों तक लहराएगा, सदा
तिरंगा शान से
केसरिया रंग है झंडे में
शौर्य, वीरता, त्याग का
हरा रंग है खुशहाली और,
जन – जन के अनुराग का
सफ़ेद रंग तो सदा चाहता, सबको
शांति जहान से’
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
इस झंडे के साथ देश का
स्वाभिमान भी ऊँचा है
कसम हमे ना होने देंगे
इस झंडे को नीचा है
नीला चक्र मध्य में कहता, बढे
प्रगति-रथ शान से
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
इस झंडे का मान बढाने
प्राण दिए है वीरो ने
पा आजादी लाला किले पर
फहराया रणधीरों ने
झंडा गीतों की स्वर लहरी
गूंजे दूर वितान से
अपना झंडा हमको ज्यादा, प्यारा
अपनी जान से
Similar questions