२) देशवासीयांच्या मनात या गीताने काय जागृत होतो?
Answers
जहां मन भय के बिना है ,रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा।
सारांश:-
कविता की रूपरेखा
'व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर' नैबेद्य नामक खंड में शामिल किया गया था। राष्ट्र को बुरे प्रभावों से बचाने के लिए कविता ईश्वर से प्रार्थना है।
यह कविता टैगोर द्वारा उस समय लिखी गई थी जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और लोग अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह किसी भी प्रकार की जोड़ तोड़ या भ्रष्ट शक्तियों से मुक्त राष्ट्र के लिए सर्वशक्तिमान से प्रार्थना है। यह कविता कवि के अच्छे और आदर्श स्वभाव का प्रतिबिंब है।
उसे ईश्वर में अत्यधिक आस्था है। वह पूरे दिल से ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह देशवासियों को कड़ी मेहनत करने, सच बोलने, आगे बढ़ने और दृष्टिकोण में तार्किक होने के लिए मार्गदर्शन करे। रवींद्रनाथ टैगोर अपने देश और लोगों को शांति और समृद्धि में देखना चाहते हैं। वह अपने देश से बहुत प्यार करते हैं और इसके कल्याण की कामना करते हैं।