दृष्टता या चालाकी का बदला चालाकी से देना चाहिए इस विषय पर एक कहानी लिखिए
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शान्ति वन का राजा गब्बर सिंह दुष्ट प्रकृति का था। वह छोटे जानवरों के मांस को संसार का सर्वश्रेष्ठ भोजन समझता था, इसलिए वह रोज दो-चार छोटे जानवरों को मार कर खा जाया करता था।
उसी जंगल में एक बुद्धिमान चतुर और दयालू बंदर था। जंगल के सभी जानवर उसे भोलू बंदर के नाम से पुकारते थे। छोटे जानवरों की घटती संख्या को देखकर उसे चिन्ता हुई। वह दुष्ट राजा गब्बर सिंह से जानवरों को छुटकारा दिलाने का उपाय सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उपाय सूझते ही उछल पड़ा और रात होने का इंतजार करने लगा।
इधर रात होते ही गब्बर सिंह शिकार की खोज में निकल पड़ा। चाँदनी रात थी। गब्बर सिंह अभी कुछ ही दूर गया, उसकी नजर उस बंदर पर जा रूकी, जो एक कुएं के पास खड़ा कुएं से कुछ निकालने की कोशिश कर रहा था।
गब्बर सिंह को उस बन्दर की हरकतों पर आश्चर्य हुआ। उसके करीब पहुँचकर वह ऊँची आवाज में बोला। ऐ नादान बंदर यह क्या कर रहे हो।
जी…. जी….. कुछ नहीं महाराज। बंदर ने घबराते हुए जवाब दिया।
कुछ नहीं…। गब्बर सिंह ने देखते हुए फिर पूछा। तुम कुएं से कुछ निकालने की कोशिश कर रहे हो, और कहते हो कि कुछ नहीं। सच सच बता, वर्ना तुम्हें जिन्दा नहीं छोडूँगा।
Answer:
kya pooch rahe hai aap
Explanation:
thoda clarify kijiye lol