Hindi, asked by mittalthakkar1179, 1 month ago

दुष्यंत भारत के किन गुणों को देखकर आनंदित और प्रभावित हो रहे थे​

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Answered by AbhilabhChinchane
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Answer:

आनंद कहीं खोजने या बाजार में मिलने वाली चीज नहीं है। यह आपके और हमारे अंदर ही है। आनंद के स्रोत को पहचानना ही अध्यात्म का चरम है। आध्यात्मिक गुरु अमृतानंदमयी का विश्लेषण..

ए क बार टीवी पर कोई फिल्म दिखाई जा रही थी। कुछ लोग इसे एकटक देख रहे थे। उन्हें न भूख लग रही थी और न ही प्यास। अपने आसपास के वातावरण से भी वे अनभिज्ञ हो चुके थे। फिल्म के दृश्यों को देखकर कभी उनकी आंखों में आंसू आते, तो कभी खुश होकर वे तालियां पीटने लगते। खुश होने के लिए उन्हें किसी प्रकार का प्रयास नहीं करना पड़ रहा था। दरअसल, आनंद कोई ऐसी चीज नहीं है, जो कहीं किसी दुकान पर मिलती हो। यह तो हमारे अंदर ही होता है, जिसे बिना प्रयास के भी पाया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति जिस दिन आनंदित

रहने के स्रोत को ढूंढ़ लेगा, उसी दिन उसे सच्ची आध्यात्मिकता भी प्राप्त हो जाएगी।

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