थी तेजस्विनी कौन जिसको,
भाभी कहते थे क्रांतिवीर ?
“वीरों की शरण स्थली था
उस देविस्वरूपा का कुटीर ।"
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Answer:
थी तेजस्विनी कौन जिसको,
भाभी कहते थे क्रांतिवीर ?
“वीरों की शरण स्थली था
उस देविस्वरूपा का कुटीर
रानी लक्ष्मी बाई
दुर्गा देवी नाम था उस तेजस्विनी का,
भाभी कहते थे जिसको क्रांतिवीर।
वीरों की शरण स्थली था,
उस देवीस्वरूपा का कुटीर।
Explanation:
आजादी की लड़ाई में जितनी महिलाओं का योगदान रहा है, उनमें रानी लक्ष्मीबाई, सरोजनी नायडू, बेगम हजरत महल आदि का तो नाम प्रसिद्ध है ही, तो दुर्गा देवी का नाम भी उतना ही प्रसिद्ध है। वह यह बहादुर महिला थी और स्वतंत्रता सेनानियों की मदद करने मैं मैं कभी भी पीछे नहीं रहीं। दुर्गा देवी एक ऐसी महिला थी जिनके घर क्रांतिकारी जब तक आते रहते थे और उनका घर बन गया था क्रांतिकारियों की शरणस्थली बन गया था।
दुर्गा देवी का जन्म 7 अक्टूबर 1907 को इलाहाबाद में हुआ था। उनका विवाह मात्र 8 वर्ष की आयु में भगवती चरण नागर से हुआ था, जो स्वयं एक क्रांतिकारी थे। विवाह के पश्चात भी दुर्गादेवी भी अपने क्रांतिकारी पति की क्रांतिकारी गतिविधियों में उनका सहयोग करने लगीं। उनके घर क्रांतिकारियों का आना-जाना लगा रहता था और वह किसी भी क्रांतिकारी की कोई भी मदद करने से बिल्कुल भी नहीं चूकती थीं। सारे क्रांतिकारी उन्हें आदरभाव से दुर्गा भाभी कहकर बुलाते थे। उन्होंने क्रांतिकारी भगतसिंह की भी मदद की थी। दुर्गादेवी ने आजादी के स्वाधीनता संग्राम में पूर्ण रुप से सहयोग दिया। उनके पति की मृत्यु के बाद भी उन्होंने क्रांतिकारियों की मदद करना और देश की स्वाधीनता संग्राम के लिए संघर्ष करना नहीं छोड़ा। उन्हें अपनी क्रांतिकारियों गतिविधियों के लिये कई बार जेल भी हुई थी। 15 अक्टूबर 1999 को उनकी मृत्यु हो गई थी।