दो-तीन विधि से abtl दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करें
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Answer:
दो पिन विधि [ (U-V ) विधि या संयुग्मी विधि ]द्वारा अवतल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात करना |
प्रयोग क्रमांक 01.
सिधांत :- यदि कोई वस्तु अवतल दर्पण के ध्रुव से uदूरी पर रखी हो और उसका वास्तविक प्रतिबिम्ब v दूरी
1/F= 1/v + 1/u.
गणना :- सूत्र : F= uv/u+v.
F1= 30x30/30+30 = 15.0 cm F2 = 26. ...
F3= 24.0x37.
Answer:
समतल दर्पण की तरह ही अवतल दर्पण भी प्रकाश के परावर्तन के नियमों का पालन करता है।
वस्तु से आती हुई प्रकाश की किरणें - किसी दूर स्थित वस्तु जैसे सूर्य या दूरस्थ इमारत से आती हुई प्रकाश की किरणों को एक दूसरे से समांतर माना जा सकता है। जब ये समांतर किरणें अवतल दर्पण पर इसके अक्ष के अनुदिश पड़ती हैं, तो ये परावर्तित होती हैं और दर्पण के सामने एक बिंदु पर मिलती हैं, जिसे दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं।
दर्पण के फोकस पर वास्तविक, उल्टा और अत्यंत छोटे प्रतिबिंब का निर्माण होता है।
फोकस दूरी - अवतल दर्पण के ध्रुव P और फोकस F के बीच के दूरी अवतल दर्पण की फोकस दूरी कहलाती है। इस प्रकार, अवतल दर्पण की फोकस दूरी का आकलन इसके फोकस पर दूर स्थित वस्तु का 'वास्तविक प्रतिबिंब' प्राप्त कर किया जा सकता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
Explanation:
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