Hindi, asked by summiya531pckpuj, 2 months ago

दूतवाक्यम् का कथासार हिंदी में। ​

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Answered by Tusharking2313
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Explanation:

दूतवाक्यम संस्कृत के प्राचीनतम नाटककार महाकवि भास की सुप्रसिद्ध काव्यकृति है। इसकी गणना दृश्यकाव्यों के अन्तर्गत की जाती है। नाट्यकला की दृष्टि से दूतवाक्य की परीक्षा करने पर इसे 'व्यायोग' नामक रूपक-भेद के अन्तर्गत रखा जाता है। व्यायोग की परिभाषा देते हुए आचार्य विश्वनाथ ने कहा है-

ख्यातेतिवृत्तो व्यायोगः स्वल्पस्त्रीजनसंयुतः।हीनो गर्भविमर्शाभ्यां नरैर्बहुभिराश्रितः॥एकांकश्च भवेदस्त्रीनिमित्तसमरोदयः।कैशिकीवृत्तिरहितः प्रख्यातस्तत्र नायकः॥राजर्षिरथ दिव्यो वा भवेद् धीरोद्धतश्च सः।हास्यश्रृंगारशान्तेभ्य इतरे त्रांगिनो रसाः॥

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