थोथे बादर क्वार के , ज्यो रहीम घहरात ।
धनी पुरुष निर्धन भए , करे पाछिली बात ।।4।।
Answers
Answered by
26
Answer:
Explanation
इस दोहे में रहीम दास जी ने कहा है कि जिस प्रकार बारिश और सर्दी के बीच के समय में बादल केवल गरजते हैं, बरसते नहीं हैं। उसी प्रकार, कंगाल होने के बाद अमीर व्यक्ति अपने पिछले समय की बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं, जिनका कोई मूल्य नहीं होता है।
Similar questions