Economy, asked by paro2418, 10 months ago

दादा भाई नौरोजी के अनुसार सन 1968 में भारत की प्रति व्यक्ति आय ₹20 थी।

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Answered by santoshvinchurkar
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Answered by shishir303
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दादाभाई नैरोजी ने ही सर्वप्रथम भारत की राष्ट्रीय आय का आकलन किया था। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘पुआरिटी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया’ (Poority And Unbritish Rules In India) में भारत की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय का अनुमान ₹20 लगाया था। अपनी पुस्तक में उन्होंने उल्लेख किया कि अंग्रेजों भारत का ही पैसा भारत से बाहर विदेशों में भेज दिया जाता है और फिर उसी धन को भारत को ऋण के रूप में दिया जाता है। यह सब अंग्रेजों द्वारा किया था फैलाया गया मजबूत जाल है और जिसे तोड़ना बेहद कठिन है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि देश के धन का बाहर जाना सारी बुराइयों और समस्याओं तथा भारत की गरीबी का मुख्य कारण है।

दादाभाई नरोजी को भारतीय राजनीति का पितामह माना जाता है। वह एक प्रसिद्ध राजनेता थे और एक बहुत बड़े उद्योगपति थे। वह एक शिक्षाविद् और विचारक भी थे। उनका जन्म मुंबई में 4 सितंबर 1825 को हुआ था और उनकी मृत्यु 30 जून 1917 को मुंबई में ही हुई। वे अत्यन्त निर्धन पारसी परिवार में जन्में थे।

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