. दादी का गीली साड़ी में दिया जलाकर पूजा करना क्या दर्शाता है? वे दयालू थी। वे धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। वे डाँटती थीं। इनमें से कोई नहीं।
Answers
सही विकल्प होगा...
➲ वे धार्मिक प्रवृत्ति की थीं।
✎... दादी माँ का गीली साड़ी में दिया जला कर पूजा करना यह दर्शाता था कि वह धार्मिक प्रवृत्ति की थी। इसी कारण वह अपने घर के कोने में एक संदूक पर दिया जलाए हाथ जोड़कर पूजा करती थी। कड़ाके की सर्दी में भी वह नहा-धोकर दीया जला कर पूजा करती थीं। इससे उनकी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला होने का पता चलता है। हालाँकि वो बेहद दयालू भी थीं।
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दादी का गीली साड़ी में दिया जलाकर पूजा करना क्या दर्शाता है ?
इसका सही जवाब है :
वह धार्मिक प्रवृत्ति की थी |
गीली साड़ी में ही दिया जलाकर पूजा करना दर्शाता है कि वह धार्मिक तरह की थी | दादा जी की मृत्यु के बाद वह उदास रहती थी , सारा संसार उन्हें धोखे वाली लगती थी |
यह प्रश्न दादी माँ पाठ से लिया गया है| शिवप्रसाद द्वारा लिखा गया है | पाठ में लेखक अपने दादी की मृत्यु के बाद , उनके साथ बिताए हुए समय को याद करते है |