दादी माँ किसे शापभ्रष्ट देवी लगी थी? Chapter-2 ,दादी माँ
Answers
Answered by
11
Answer:
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
पिताजी और किशन भैया कर्ज की वजह से परेशान थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? कोई भी रुपया देने को तैयार नहीं था। दादी जी ने इसका हल निकला लिया। उन्होंने अपने पति की आखिरी निशानी सोने के कंगन बेचने के लिए दे दिए। लेखक अपनी दादी को देखकर भाव-विभोर हो गया। उसे अपनी दादी शापभ्रष्ट देवी की तरह लगी। जिसे देखने से ही सभी शाप नष्ट हो जाते हैं।
Explanation:
hope it helps
PLEASE MARK AS BRAINLIEST
PLEASE MARK AS BRAINLIEST
PLEASE MARK AS BRAINLIEST
Similar questions
Math,
4 months ago
History,
4 months ago
Chemistry,
9 months ago
English,
9 months ago
Political Science,
1 year ago