'दादी माँ' कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए, किन-किन पारिवारिक
परिस्थितियों में गाँव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहाँ से मिलता होगा? बड़ों
से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
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'दादी माँ' कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए, किन-किन पारिवारिक परिस्थितियों में गाँव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहाँ से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
उत्तर : यह प्रश्न दादी माँ पाठ से लिया गया है| शिवप्रसाद द्वारा लिखा गया है| पाठ में लेखक अपने दादी की मृत्यु के बाद , उनके साथ बिताए हुए समय को याद करते है |
'दादी माँ' कहानी में कई बार ऋण लेने की बात की है | घर में बड़े-बड़े कार्य करने के लिए ऋण लेना पड़ता है | ऋण सभी लोग लेते है |
- शादी-ब्याह के समय हम ऋण लेते है |
- घर बनवाने के लिए |
- कृषि करने के लिए ऋण लेते है |
- बच्चे के नामकरण संस्कार , अन्य समारोह हेतु।
- बच्चों की पढ़ाई के लिए ऋण लेते है |
- पशु खरीदने ऋण लेते है।
- गाड़ी खरीदने के लिए ऋण लेते है |
यह ऋण उन्हें गाँव के जमींदारों व साहूकारों से लेते होगे | ऋण के लिए वह ऋण सहकारी समितियों व बैंकों द्वारा भी ऋण लेते होगे |
Answer:
गाँव के लोग प्रायः आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं जब लोग ऋण शादी-विवाह के खर्च के लिए मकान बनवाने के लिए, बच्चों की फ़ीस जमा करने के लिए, फसलों की बुआई के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, पशु खरीदने के लिए, किसी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए, प्रायः लोग ऋण लिया करते हैं।
यह ऋण उन्हें गाँव के ज़मीदारों व साहूकारों से मिलता है। इसके अलावे यह ऋण सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, सरकार के विभागों, डाकघर से तथा सहकारी समितियों से लोगों को विभिन्न प्रयोजनों के लिए ऋण मिलने लगा है।
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