दादी माँ पर निबंध
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दादी माँ सभी को बहुत प्यारी होती है और बच्चे उनके दुलारे होते हैं। मेरी दादी माँ का नाम रोशनी देवी है और वर हमारे साथ हमारे घर में ही रहती है। उनकी आयु लगभग 70 वर्ष है लेकिन उनमें अभी भी बहुत हिम्मत है। वह माँ के साथ घर का काम भी करवा देती है। वह हम सबसे बहुत प्यार करती है और हमारे कहने पर हमारी पसंद के व्यंजन भी बना देती है। जब कभी वह कुछ दिनों के लिए चाचा के घर रहने चली जाती हैं तो घर सूना सूना लगने लगता है क्योंकि वह हमारे घर में सबसे वृद्ध है और बात पर हमें सही राह दिखाती हैं। वह हमें पापा से डाँट पड़ने से भी बचाती है। दादी माँ का स्वभाव बहुत ही विनम्र और खुशमिजाज हैं। उनके घरेलू नुस्खे हर बिमारी में असरदार होते हैं।
मेरी दादी माँ सुबह 5:30 बजे उठ जाती है और तैयार होकर मंदिर जाती है। उन्हें धर्म कर्म के कार्य में विशेष रूचि है। हर रोज शाम की चाय वहीं बनाती है और हमें उनके हाथ की चाय बहुत पसंद है। वह सुबह और शाम में घर में आरती करती है। वह हमें मेले लगने पर पैसे देती हैं और हमें घुमाने भी ले जाती है। वह शाम को अपनी महिला मंडली के साथ सैर करने भी जाती है और उनके साथ धार्मिक स्थलों पर भी भ्रमण करने जाती हैं।
दादी माँ छोटी छोटी बातों पर चिंता करती है और हमेशा परिवार की खुशी की दुआ करती हैं। वह हमें अच्छे बुरे का फर्क समझाती है और हमारे रिती रिवाजोम के बारे में बताती हैं। मेरी दादी माँ हमें अपनी जिंदगी सो जुड़े कई किस्से बताती हैं और रात को सोने से पहले कहानियाँ भी सुनाती है। मुझे मेरी दादी से बहुत प्यार है।
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दादी माँ सभी को बहुत प्यारी होती है और बच्चे उनके दुलारे होते हैं। मेरी दादी माँ का नाम रोशनी देवी है और वर हमारे साथ हमारे घर में ही रहती है। उनकी आयु लगभग 70 वर्ष है लेकिन उनमें अभी भी बहुत हिम्मत है। वह माँ के साथ घर का काम भी करवा देती है। वह हम सबसे बहुत प्यार करती है और हमारे कहने पर हमारी पसंद के व्यंजन भी बना देती है। जब कभी वह कुछ दिनों के लिए चाचा के घर रहने चली जाती हैं तो घर सूना सूना लगने लगता है क्योंकि वह हमारे घर में सबसे वृद्ध है और बात पर हमें सही राह दिखाती हैं। वह हमें पापा से डाँट पड़ने से भी बचाती है। दादी माँ का स्वभाव बहुत ही विनम्र और खुशमिजाज हैं। उनके घरेलू नुस्खे हर बिमारी में असरदार होते हैं।
मेरी दादी माँ सुबह 5:30 बजे उठ जाती है और तैयार होकर मंदिर जाती है। उन्हें धर्म कर्म के कार्य में विशेष रूचि है। हर रोज शाम की चाय वहीं बनाती है और हमें उनके हाथ की चाय बहुत पसंद है। वह सुबह और शाम में घर में आरती करती है। वह हमें मेले लगने पर पैसे देती हैं और हमें घुमाने भी ले जाती है। वह शाम को अपनी महिला मंडली के साथ सैर करने भी जाती है और उनके साथ धार्मिक स्थलों पर भी भ्रमण करने जाती हैं।
दादी माँ छोटी छोटी बातों पर चिंता करती है और हमेशा परिवार की खुशी की दुआ करती हैं। वह हमें अच्छे बुरे का फर्क समझाती है और हमारे रिती रिवाजोम के बारे में बताती हैं। मेरी दादी माँ हमें अपनी जिंदगी सो जुड़े कई किस्से बताती हैं और रात को सोने से पहले कहानियाँ भी सुनाती है। मुझे मेरी दादी से बहुत प्यार है।
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