दादी माँ दोपहर के समय किस पर बिगड़ रही थी?
रामी की माँ
रामी की चाची
रामी की बहन
रामी का भाई
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सही विकल्प होगा...
✔ रामी की चाची
व्याख्या :
दादी माँ दोपहर के समय रामी की चाची पर बिगड़ रही थीं।
‘दादी माँ’ पाठ में एक दिन जब लेखक दोपहर को घर लौटा तो बाहर निकसार में दादी माँ किसी पर बिगड़ रही थीं लेखक ने देखा कि पास के कोने में रामी की चाची दुबकी हुई खड़ी थी और दादी माँ उन पर बिगड़कर अपने उधार दिये हुए पैसों की मांग कर रहीं थीं जो उन्होने रामी की चाची को जरूरत पड़ने पर दिये थे।
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