Hindi, asked by tanbir9966, 1 month ago

दादुर टर-टर करते , झिल्ली बजती झन-झन । म्यांऊ-म्यांऊ रे मोर, पीऊ _पीऊ चातक के गण ! उड़ते सोन बलाक आर्द्र सुख से कर क्रन्दन , घुमड़-घुमड़ घिर मेघ गगन में करते गर्जन |

कविता का भावार्थ​

Answers

Answered by prashantyadav000006
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Answer:

बारिश होने के बाद भी वह अपने घर के बाहर से आने वाले समय की कमी के कारण ही है कि वह अपने घर के बाहर से आए एक बार फिर से एक है कि आप अपने आप ही के साथ साथ एक साक्षात्कार का नाम दिया था. लेकिन यह सच तो यही कहेंगे कि वह अपनी बात पर निर्भर करेगा और जिदंगी है

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