Hindi, asked by rosw, 1 year ago

दो दोस्तों के बीच में मुझे कन्वर्सेशन लिखना है बातचीत लिखना है कि नोट बंदी के क्या प्रभाव समाज पर

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Answered by TheBrain
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Hi, Here is the conversation of notebandi effect on society. It is between teachers and students but can be modified  for conversation between 2 friends

नोटबंदी         | Dialogue on Demonetisation | Notebandi par Sanwad                                                    

नोटबंदी अध्यापिका छात्रों से -- छात्रों आज हम नोटबंदी के बारे में चर्चा करेंगे | 

अध्यापिका श्याम से ---  श्याम, नोटबंदी से क्या समझते हो? ये कब लागू की गई ?

श्याम- नोटबंदी 8 नवंबर 2016 को लागू की गई जिसके तहत 500 और 1000के नोट बंद कर दिए गए | 

शिक्षिका सीमा से--- सीमा ,क्या ये नोट सभी जगह बंद कर दिए गए ? और हमेशा के लिए? 

सीमा कक्षा को संबोधित करते हुए---जी नहीं ,अस्पताल, पेट्रोल पंप, रेल्वे स्टेशन ,एयरपोर्ट आदि कतिपय स्थानों पर इन नोटों का प्रचलन कुछ समय सीमा तक रहा | 

शिक्षिका मीना से--मीना सरकार के इस निर्णय का क्या उद्देश्य था ? 

मीना---‘’-सरकार चाहती थी कि विदेशों से काला धन वापस लाया जाए और नकली करेंसी तथा भ्रष्टाचार पर रोक लगे | 

शिक्षिका अमर  से---अमर क्या यह फैसला जनहित में था ? 

अमर --फैसला तो जनहित में था किंतु इसका कार्यान्वयन ठीक से नहीं हो पाया । 

शिक्षिका माधुरी से---इसके क्या परिणाम हुए ?

माधुरी --आम जनता एवं ग्रामीण जनसमुदाय को नोट बंदी से बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसमें कतिपय लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं का अभाव भी झेलना पड़ा तथा कई लोगों को एटीएम की कतार में जान भी गंवानी पड़ी | 

शिक्षिका गौरव से--- तुम नोटबंदी के लक्ष्य से क्या समझते हो ?

गौरव---- नोट बंदी का मुख्य उद्देश्य हमारी अर्थव्यवस्था को अधिकाधिक कैशलेस करने का था ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लग सके |

मीना-----  शिक्षिकाजी मैं एक प्रश्न पूछ्ना चाहती हूँ ? 

शिक्षिका---हाँ पूछो | मीना---‘’  क्या ऐसा हो पाया’’? 

शिक्षिका---  हां कुछ हद तक यह कार्य  हुआ है किंतु  अभी मंजिल दूर है | 

अमर----  शिक्षिका जी  क्या लोगों को आई परेशानी  के प्रति  सरकार की जवाबदेही  नहीं थी ? 

शिक्षिका---- यही बात तो है जो  हमें  नोटबंदी के  दोनों पहलुओं का  ज्ञान कराती है | तो छात्रों आज हमने नोटबंदी के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों के बारे में चर्चा की |



GovindKrishnan: Thanks for this Great Answer Sir! ☺
Answered by hussainmuhammadmuaaz
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Answer:

राघव – अरे हेमू! सुबह-सुबह कहाँ जा रहे हो?

हेमू – क्या बताऊ राघव, बैंक तक जा रहा हूँ?

राघव – पर सुना है, बैंक में आजकल बहुत भीड़ हो रही है। लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं।

हेमू – ठीक कह रहे हो, तभी तो सवेरे-सवेरे जा रहा हूँ लाइन में लगने।

राघव – सरकार ने नोटबंदी का जो आदेश दे रखा है, उसी का यह परिणाम है।

हेमू – पर इससे हम मज़दूरों को बड़ी मुश्किल हो रही है। कल भी काम छोड़कर लाइन में लगा था और आज काम छूटेगा।

राघव – कुछ ही दिनों की परेशानी है। पर सरकार कहती है इससे काले धन पर अंकुश लगेगा।

हेमू – वह तो ठीक है, परंतु हम गरीब तो भूखो मरने को विवश हो रहे हैं। एक ओर मजदूरी नहीं मिलती दूसरी ओर दिनभर लाइन लगाओ।

राघव – सरकार ने यह कदम भविष्य के फायदे के लिए उठाया है।

हेमू – पर हमें तो अपना आज भी अच्छा नहीं दिख रहा है।

राघव – धैर्य रखो हेमू, सब ठीक हो जाएगा।

हेमू – आशा तो मैं भी यही करता हूँ। भगवान करे सब ठीक हो जाए और आज मेरा लाइन में लगना सार्थक हो जाए।

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