दादू दयाल ने निंदा की प्रवृत्ति के बारे में अपनी वाणी में क्या कहा है लोक संत दादू दयाल पाठ के आधार पर बताइए
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Answer:
ख) रानी घुमासान युद्ध करते हुए कानपी पहुँची। वह कई सौ मील
चलकर आई थी उसका घोड़ा थक्कर जमीन पर गिर गया और
गिरते ही मर गया| यमुना नदी ख) रानी घुमासान युद्ध करते हुए कानपी पहुँची। वह कई सौ मील
चलकर आई थी उसका घोड़ा थक्कर जमीन पर गिर गया और
गिरते ही मर गया| यमुना नदी के किनारे रानी से अंग्रेजों ने फिर
हार का सामना किया रानी ने ग्वालियर पर अधिकार जमा लिया
अंग्रेजों के मित्र सिंधिया को राजधानी छोड़नी पड़ी इस प्रकार रानी
विजय होकर आगे बढ़ी बुन्देलखड़ के लोकगायकों ने अपनी कहानियों
में रानी की वीरता के बखान किया।
१. गदयाश से कोई दो बचान शब्द टूट कर लिखितके किनारे रानी से अंग्रेजों ने फिरख) रानी घुमासान युद्ध करते हुए कानपी पहुँची। वह कई सौ मील
चलकर आई थी उसका घोड़ा थक्कर जमीन पर गिर गया और
गिरते ही मर गया| यमुना नदी के किनारे रानी से अंग्रेजों ने फिर
हार का सामना किया रानी ने ग्वालियर पर अधिकार जमा लिया
अंग्रेजों के मित्र सिंधिया को राजधानी छोड़नी पड़ी इस प्रकार रानी
विजय होकर आगे बढ़ी बुन्देलखड़ के लोकगायकों ने अपनी कहानियों
में रानी की वीरता के बखान किया।
१. गदयाश से कोई दो बचान शब्द टूट कर लिखित
हार का सामना किया रानी ने ग्वालियर पर अधिकार जमा लिया
अंग्रेजों के मित्र सिंधिया को राजधानी छोड़नी पड़ी इस प्रकार रानी
विजय होकर आगे बढ़ी बुन्देलखड़ के लोकगायकों ने अपनी कहानियों
में रानी की वीरता के बखाख) रानी घुमासान युद्ध करते हुए कानपी पहुँची। वह कई सौ मील
चलकर आई थी उसका घोड़ा थक्कर जमीन पर गिर गया और
गिरते ही मर गया| यमुना नदी के किनारे रानी से अंग्रेजों ने फिर
हार का सामना किया रानी ने ग्वालियर पर अधिकार जमा लिया
अंग्रेजों के मित्र सिंधिया को राजधानी छोड़नी पड़ी इस प्रकार रानी
विजय होकर आगे बढ़ी बुन्देलखड़ के लोकगायकों ने अपनी कहानियों
में रानी की वीरता के बखान किया।
१. गदयाश से कोई दो बचान शब्द टूट कर लिखितन किया।
१. गदयाश से कोई दो बचान शब्द टूट कर लिखित
Explanation:
ख) रानी घुमासान युद्ध करते हुए कानपी पहुँची। वह कई सौ मील
चलकर आई थी उसका घोड़ा थक्कर जमीन पर गिर गया और
गिरते ही मर गया| यमुना नदी के किनारे रानी से अंग्रेजों ने फिर
हार का सामना किया रानी ने ग्वालियर पर अधिकार जमा लिया
अंग्रेजों के मित्र सिंधिया को राजधानी छोड़नी पड़ी इस प्रकार रानी
विजय होकर आगे बढ़ी बुन्देलखड़ के लोकगायकों ने अपनी कहानियों
में रानी की वीरता के बखान किया।
१. गदयाश से कोई दो बचान शब्द टूट कर लिखित