दादा व पोती के बीच एक कहानी के संबंध में बातचीत को लगभग 50 शब्दों में लिखिए ।
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दादी और प्रगतिशील विचारों वाली पोती नेहा के बीच संवाद
दादी- अरी नेहा, सुबह-सुबह कहाँ जा रही है ?
नेहा- आपको बताया तो था, आज स्कूल से हमें ‘हरिजन बस्ती’ ले जा रहे हैं। वहाँ हम औरतों को घर-बाहर
और स्वयं की साफ़-सफ़ाई की बातें बताएँगे। कंम्प्यूटर द्वारा वहाँ के स्कूली बच्चों का अपने बच्चों से संपर्क करवाएँगे।
दादी – ऐं! तुम क्यों जाओगी इतनी गर्मी में। धूल-धक्कड़ भरी बस्ती में जाकर उन जाहिल औरतों से माथा पच्ची करने के लिए ही क्या इतनी फ़ीस भरते हैं हम? हम ऊँची जाति के ब्राह्मण हैं- वहाँ उनको छूकर अपना धर्म भ्रष्ट करोगी?
नेहा- दादी माँ! ये कैसी बातें कर रही हैं आप? हम सब क्या उस एक खुदा के बंदे नहीं है? ऊँच-नीच और छुआ-छुत की दीवारें खड़ी करना क्या खुदा का अपमान करना नहीं है। पूजा-पाठ करने से कहीं ज्यादा जरूरी है, जरूरतमंदों के काम आना। जो उपेक्षित हैं, उन्हें सम्मानपूर्वक जीना सिखाना।
दादी – बस-बस। मैं तेरी दादी हूँ या तू मेरी ? अपनी सीख अपने पास रख। बस मैंने कह दिया तू वहाँ नहीं जाएगी।
नेहा- दादी माँ! आप जानती हैं, मैं आपको कितना प्यार करती हूँ कितना आदर देती हूँ। पर आपकी ग़लत बात नहीं मान सकती। अनुचित करना और अनुचित का साथ देना दोनों गलत है। एक बार मैं आपको भी साथ ले चलूँगी। आप उन भोली-भाली अनपढ़ औरतों से जब मिलेंगी तब जान पाएँगी कि इस एक वर्ष में ही हमारी थोड़ी-सी सहायता से उनके जीवन में कितना बदलाव आ गया है। उनके बच्चे भी अब कम बीमार पड़ते हैं। अगले वर्ष तक वे अच्छी तरह लिखना-पढ़ना भी सीख लेंगी। मैं तो इसी को पूजा समझती हूँ।
दादी – चल ठीक है तू अपनी पूजा करने जा, मैं अपनी पूजा के लिए मंदिर जाती हूँ।
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दादी और पोती के बीच एक कहानी के संबंध में बातचीत:-
पोती : दादी मुझे सोने से पहले एक कहानी सुनाओ ।
दादी : ठीक है कौन सी सुनना चाहोगी ।
पोती : जो आप सुनाना चाहो पर इस बार परियों वाली नहीं ।
दादी :ठीक है।
दादी : ठीक है मैं तुम्हें एक खूनी अंगूठी की कहानी सुन आऊंगी ।
पोती: ठीक है दादी बड़ा मजा आएगा ।
दादी एक बार एक राजा होता है तथा उसकी तीन रानियां होती है पर वह तीनों में सबसे ज्यादा प्यार एक सुंदर रानी से करता है ।जिसका नाम मेनका होता है ।मेनका बहुत ही सुंदर रानी थी तथा उसने राजा से कहा मुझे एक ऐसा उपहार दीजिए जो आज से पहले ना किसी ने देखा हो और ना ही किसी के पास हूं तो राजा ने कहीं दूर से एक अंगूठी मंगवाई अंगूठी बहुत ही नायाब थी रानी उसको पाकर बहुत खुश हुई पर दो रानियां उससे जलने लगी उन्होंने उस अंगूठी को पाने के लिए मेनका की हत्या कर दी ।अब दोनों रानियां ही बची थी एक का नाम था परी ,और दूसरी का नाम था राधिका परी ने उस अंगूठी के लिए राधिका को मार दिया ।अब बस परी ही बची थी परी उस अंगूठी को पाकर बहुत खुश हुई। और परी को राज्य की सबसे ऊंची मंजिल से नीचे गिरा दिया गया ।परी की मृत्यु हो गई और यह कहानी यहीं खत्म हुई इसलिए इस अंगूठी को खूनी अंगूठी के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इससे कोई नहीं पा सका।
पोती : दादी अब वह अंगूठी कहां पर है
दादी : अब वह अंगूठी एक म्यूजियम में है
दादी : अब सो जाओ ।
पोती :ठीक है गुड नाइट दादी।
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