दूध का सफेद रंग किस प्रोटीन के कारण होता है?
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दूध को सफेदी कैसिन नामक प्रोटीन के कारण मिलती है | इस प्रोटीन में कैल्शियम तो पर्याप्त मात्रा में होता ही है, साथ ही दूध का सफ़ेद रंग देने का काम भी यह प्रोटीन ही करता है | फिर दूध में जो वसा होती है वह भी सफ़ेद रंग की ही होती है | और यही कारण है कि दूध में जितनी ज्यादा वसा या चिकनाई होती है, दूध उतना ही सफ़ेद होता है, जबकि कम वसा वाला या क्रीम वाला दूध हल्का मटमैला दिखाई देता है |
बहुत ज्यादा वसा के कारण ही भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक सफ़ेद होता है | दूध सफ़ेद होने का एक कारण और भी है | असल में कुछ चीजे प्रकाश का पूरी तरह से अवशोषण नहीं करती है | वे प्रकाश को जस का तस लौटा देती है | ऐसा ही कैसिन के अणु भी करते है | वे पूरा प्रकाश जस का तस लौटा देते है, जिससे देखने वाले को दूध का रंग सफ़ेद लगता है |
बहुत ज्यादा वसा के कारण ही भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक सफ़ेद होता है | दूध सफ़ेद होने का एक कारण और भी है | असल में कुछ चीजे प्रकाश का पूरी तरह से अवशोषण नहीं करती है | वे प्रकाश को जस का तस लौटा देती है | ऐसा ही कैसिन के अणु भी करते है | वे पूरा प्रकाश जस का तस लौटा देते है, जिससे देखने वाले को दूध का रंग सफ़ेद लगता है |
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