Social Sciences, asked by ishachauhan028, 4 months ago

दो ध्रुवीय विश्व का उदय के कारण​

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Answered by bhumika2357
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Answer:

दो-ध्रुवीय विश्व का आरम्भ :

दुनिया दो गुटों के बीच बहुत स्पष्ट रूप से बँट गई थी। ऐसे में किसी मुल्क के लिए एक रास्ता यह था कि वह अपनी सुरक्षा के लिए किसी एक महाशक्ति के साथ जुड़ा रहे और दूसरी महाशक्ति तथा उसके गुट के देशों के प्रभाव से बच सके। नाटो (NATO) : पश्चिमी गठबन्धन ने स्वयं को एक संगठन का रूप दिया।

Explanation:

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ishachauhan028: ques m karan pucha h na ki prayog
Answered by chandan735357
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Answer:

दो ध्रुवीय विश्व का शब्द का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह शीत युग के दशक को दर्शाता है।उस दशक में एक सोवियत संघ का गठन हुआ था जिसमें 15 देशों को नियुक्त किया गया जिसमें से 14 देश तो छोड़ दिए थे बस एक रूस अकेला रह गया था। और सोवियत संघ का गठन हो गया था। इस तरह दो ध्रुवीय शब्द का अर्थ है विश्व का दो धुरी में बंटना। जैसे एक तरफ से सोवियत संघ था जो कि समाजवाद को बढ़ावा देता थाऔर समाजवाद को मानता था जबकि दूसरी तरफ अमेरिका पूंजीवाद को बढ़ावा देता था और पूंजीवाद को मानता था।


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