दो उदाहरण देकर उपभोक्ता जागरूकता की जरूरत का वर्णन करें।
Answers
उत्तर :
उपभोक्ता जागरूकता के दो उदाहरण निम्नलिखित हैं :
उदाहरण १ :
सोहम दसवीं कक्षा का एक स्वस्थ लड़का है। उसे उत्तर प्रदेश के निजी चिकित्सालय में पथरी निकलवाने के लिए भर्ती करवाया गया । वहां एक सर्जन ने उसे सामान्य बेहोशी की दवा दी। फिर सर्जन ने पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन कर दिया। सोहम में बेहोशी के कारण दिमागी असमानयता के लक्षण आ गए। इस कारण वह जिंदगी भर के लिए अपंग हो गया। सोहम के पिता ने ऑपरेशन में चिकित्सक की गलती और लापरवाही के लिए राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण समिति में मुआवजे के लिए दावा किया। पर राज्य समिति ने मामला यह कह कर खत्म कर दिया कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं है । सोहम के पिता ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण में अपील की । मामले की दोबारा जांच हुई। जांच करने के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण समिति ने अस्पताल में लापरवाही बरतने का दोषी पाया तथा उन्हें हर्जाना पूर्ति के निर्देश दिए।
उदाहरण २ :
श्वेता एक जागरूक स्नातक इंजीनियर थी।नौकरी के लिए अपने सभी प्रमाण पत्रों को जमा करवा दिया। इंटरव्यू देने के बाद भी उसे सरकारी विभाग से कोई रिजल्ट नहीं मिला। कर्मचारियों ने उसके प्रश्नों के जवाब देने से मना कर दिया था। उसने आर.टी.आई एक्ट का प्रयोग किया उसने एक प्रार्थना पत्र दिया और उसमें लिखा कि उचित समय तक उसे परिणाम की जानकारी मिलना उसका अधिकार था, जिससे वह अपने आने वाले भविष्य के लिए योजना बना सके । आर.टी.आई हस्तक्षेप के बाद श्वेता को नियुक्ति पत्र मिल गया।
अतः दोनों ही उपभोक्ता जागरूक होने के कारण अपने अपने अधिकार प्राप्त करने में सफल हो सके। इसलिए संबंधित व्यक्ति तभी अपने अधिकार प्राप्त कर सकता है जब वह जागरूक होगा । इसलिए उपभोक्ता जागरूकता की ज़रूरत अत्यधिक रहती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।