Hindi, asked by mannatsaluja, 8 months ago

द्विज देवता घरहिं के बाढ़े’ – कहकर लक्ष्मण क्या कहना चाहते हैं ?

क.ब्राह्मण देवता अपने घर में छोटे है |
ख.ब्राह्मण देवता अपने घर मे श्रेष्ठ है |
ग. देवता अपने घर के बाहर हैं |
इनमे से कोई नहीं |

Answers

Answered by shishir303
1

सही उत्तर है...

➲ ब्राह्मण देवता अपने घर मे श्रेष्ठ है |

व्याख्या ⦂

✎... ‘द्विज देवता घर में ही बाढ़े’ इन पंक्तियों से लक्ष्मण का कहने का आशय यह है कि ब्राह्मण देवता अपने घर में ही श्रेष्ठ हैं।

मिले न कबहुँ सुभट रन गाढ़े। द्विज देवता घरहि के बाढ़े।।

अनुचित कहि सब लोग पुकारे। रघुपति सयनहिं लखनु नेवारे।।

अर्थात लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि एक दूसरे से आप मुझे अपना फरसा दिखाकर भयभीत करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं तो आपको ब्राह्मण समझ कर आपका सम्मान कर रहा हूँ। आपका लगता है किसी वीर-बलवान से पाला नहीं पड़ा है। आप जैसा ब्राह्मण देवता अपने घर में ही श्रेष्ठ हैं।

लक्ष्मण की ये बातें सुनकर सब सभा में उनका आलोचन करने लगे तभी श्रीराम ने लक्ष्मण को ज्यादा न बोलने का इशारा किया।

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Answered by ajayprajat2008
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Answer:-

ब्राह्मण देवता अपने घर में श्रेष्ठ हैं |

Explanation:-

लक्ष्मण जी परशुराम से कहते हैं कि आप अपने घर में ही अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं, आपका कभी वीरों से पाला नहीं पड़ा है। इसलिए लक्ष्मण जी कहते हैं कि हे मुनिवर आप तो घर के बाड़े तक ही श्रेष्ठ है।

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