Chemistry, asked by Salini2596, 11 months ago

दिवाली के अवसर पर एक कविता लिखें ​

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Answered by deepsen640
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फिर खुशियों के दीप जलाओ

ये प्रकाश का अभिनन्दन है

अंधकार को दूर भगाओ

पहले स्नेह लुटाओ सब पर

फिर खुशियों के दीप जलाओ

शुद्ध करो निज मन मंदिर को

क्रोध-अनल लालच-विष छोडो

परहित पर हो अर्पित जीवन

स्वार्थ मोह बंधन सब तोड़ो

जो आँखों पर पड़ा हुआ है

पहले वो अज्ञान उठाओ

पहले स्नेह लुटाओ सब पर

फिर खुशिओं के दीप जलाओ

जहाँ रौशनी दे न दिखाई

उस पर भी सोचो पल दो पल

वहाँ किसी की आँखों में भी

है आशाओं का शीतल जल

जो जीवन पथ में भटके हैं

उनकी नई राह दिखलाओ

पहले स्नेह लुटाओ सब पर

फिर खुशियों के दीप जलाओनवल ज्योति से नव प्रकाश हो

नई सोच हो नई कल्पना

चहुँ दिशी यश, वैभव, सुख बरसे

पूरा हो जाए हर सपना

जिसमे सभी संग दीखते हों

कुछ ऐसे तस्वीर बनाओ

पहले स्नेह लुटाओ सब पर

फिर खुशियों के दीप जलाओ

Answered by Anonymous
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Explanation:

Happy Diwali!

कल का दिन कुछ खास है,

जुड़ी कई बच्चों की आस है।

फाटकों की ज़िद है सबकी,

खुशियों की १ यही प्यास है।

कल क्या राजा क्या दास है,

किसे कल रोना भी रास है।

कल घर जल्दी पहुचेंगे सभी,

अब साधारण लोहा कांस है।

रंक ।और अमीर भी पास है,

जुड़े रिश्तों की हर सांस है।

चिराग तले न अंधेरा हो सके,

सुख में १ फूल और फांस है।

फूले ना समा सके खुशियां,

कुछ ऐसा सबको एहसास है।

बड़े, बुज़ुर्ग, बच्चे भी जाने है,

आज दुखी होना उपहास है।

इसलिए अब हसें और हसाएं। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। धन्यवाद!

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