दिवाली क्यों मनाई जाती है उस पर एक "प्रतिवेदन" लिखिए
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दीवाली /दीपावली हिन्दुओं का एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है | ये महान पर्व हर साल शरद रुतु में कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है| कैलेंडर के हिसाब से ये अक्टूबर या नवम्बर महीने में आता है| प्राचीन काल से ही इस पर्व का बहुत ही महत्व है और बहुत ही धूमधाम और हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है |
दीवाली एक बहुत ही सुंदर पर्व है जो अपने साथ बहुत सारे खुशयों को ले के आता है | ये रौशनी का त्यौहार है और इससे दीपोत्सव भी कहा जाता है | दीपावली अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है और इसी तरह ये हमारे जीवन में भी खुशियों का उजाला भर देता है| ये त्यौहार हमारे आपसी रिश्तों को मजबूत करता है और छोटी मोती मन-मुटाव को दूर करके हमारे रिश्तों में मिठास भर देता है |
दीवाली न केवल भारत में पर भारत से बहार भी कई देशों में मनाया जाता है | इस त्यौहार को एक सरकारी अवकाश का दिन होता है जिसमें सारे सरकारी कार्यालय जैसे स्कूल, कॉलेज ,बैंक आदि सब बंद रहते है |दीपावली अनेक धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है और ये पर्व की उत्त्पति से अनेक कहानियाँ जुडी है | पर वे सब कहानियां बुराई पर अच्छाई की जीत को, अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाते हैं |
दीवाली खासकर इसीलिए मनाई जाती है क्यूंकि उस दिन भगवान् श्री रामचंद्र ने लंकापति रावण का वध करके अपनी धर्मपत्नी सीता को उस राक्षस के चंगुल से छुड़ा कर वापस अपने राज्य अयोध्या पहुंचे थे| भगवान् ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत पायी थी इसलिए अयोध्यावासी उनके भव्य भाव से स्वागत करने के लिए पुरे अयोध्या में घी का दीपक जला कर उस अमावास की काली रात्री को दीयों की रौशनी से प्रकाशित कर दिया था |तब से दीपावली त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है और तभी से दशहरा पर्व के 20 दिन बाद ये महान पर्व दीवाली को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है |
दीपावली त्यौहार का हम सबको बहुत बेसब्री से इंतज़ार रहता है |इसलिए ये त्यौहार आने से करीब 1 महिना पहले से ही हम इसके तैयारियों में जुट जाते हैं |लक्ष्मीजी हमेशा स्वच्छ और साफ़ जगह पर निवास करते हैं इसलिए हम सबसे पहले सफाई से शुरुआत करते हैं | हम अपने पुरे घर, आँगन, और दूकान के अछे से सफाई करके ,उनमें सफेदी और नए रंग भी लगाये जाते हैं |
दीवाली के 4-5 दिन पहले नए कपडे और साथ में घर के लिए अनेक चीजों जैसे पूजा सामान ,दिया बत्ती,सोना चांदी के सामान, दोस्तों और रिश्तेदारों में बांटने के लिए उपहार आदि ख़रीदे जाते हैं |साथ ही में स्वादिस्ट मिठाइयों का भी प्रबंध किया जाता है |दीवाली के दिन सुबह घर को अछे से धोया जाता है और पुरे घर को फुलून की माला और आम के पत्तों के साथ सजाया जाता है |घर के मुख्या द्वार को केला के पेड़ और पदम् फूलों से सजाया जाता है|
दीवाली क्वे दिन साम को घर के सभी सदस्य एक सात्य्ह मिल कर धन की देवी माता लक्ष्मी और गणेशजी की श्रधा पूर्वक पूजन करते हैं |उसके बाद सभी छोटे बड़ों का चरणस्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं और फिर सब साथ मिल कर भोजन करते हैं |उसके बाद घर के कोने कोने को दीपों से प्रकाशित करदेते हैं | उसके बापटाखे भी फोड़े जाते हैं |
फिर अपने पदोसियों, दोस्तों और रिश्तेदारों में मिठाई और उपहार भी बांटे जाते हैं और ये महान पर्व दीवाली की बधाइयां और शुभकामनाएं भी दी जाती हैं |इसी तरह हर साल दीवाली को बहुत हर्षो-उल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है |