दिवाली पर एक कविता लिखें |
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साथी, घर-घर आज दिवाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
फैल गयी दीपों की माला
मंदिर-मंदिर में उजियाला,
किंतु हमारे घर का, देखो, दर काला, दीवारें काली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
हास उमंग हृदय में भर-भर
घूम रहा गृह-गृह पथ-पथ पर,
किंतु हमारे घर के अंदर डरा हुआ सूनापन खाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
आँख हमारी नभ-मंडल पर,
वही हमारा नीलम का घर,
दीप मालिका मना रही है रात हमारी तारोंवाली!
साथी, घर-घर आज दिवाली!
– हरिवंशराय बच्चन
Answer:
दीपावली का त्योहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।
दीपको की सजी है कतार,
जगमगा रहा है पूरा संसार।
अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया,
दीपावली का त्योहार आया।
सुख-समृद्धि की बहार लाया,
भाईचारे का संदेश लाया।
बाजारों में रौनक छाई,
दीपावली का त्योहार आया।
किसानों के मुंह पर खुशी की लाली आयी,
सबके घर फिर से लौट आई खुशियों की रौनक।
दीपावली का त्यौहार आया,
साथ में खुशियों की बहार लाया।