दीवानी अधिकार ,दैत शासन व्यवस्था , 76 का आकाल एक -दूसरे से किस प्रकार से जुड़े थे ?100- 120 शब्दों में लिखिए।
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दीवानी कानून वह है जिसमें संपत्ति सम्बन्धी या पद सम्बन्धी अधिकार विवादित हो, चाहे ऐसा विवादित अधिकार धार्मिक कृत्यों या कर्मों सम्बन्धी प्रश्नों पर अवलम्बित क्यों न हो। यहाँ बात भी तात्विक नहीं है कि वह पद किसी विशिष्ठ स्थान से जुड़ा है या नहीं। जब ऐसे मामलों में कोई वाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो वह दीवानी वाद या मुकदमा कहलाता है। दीवानी अदालतों में काम बहुत रहता है और कुछ दीवानी मामले एक ही प्रकार की विशिष्ठ प्रकृति के होते हैं। जैसे कृषि भूमि से सम्बन्धित मामले, मोटर यान या रेल दुर्घटना से संबंधित मामले, या श्रमिकों व उन के नियोजकों के मध्य विवाद, सरकारी कर्मचारियों की सेवा से संबंधित मामले आदि। इस तरह के मामलों की संख्या अधिक होती है। इस कारण से इन के संबंध में संसद ने विशेष कानून बना कर इन्हें दीवानी न्यायालयों के क्षेत्राधिकार से बाहर करते हुए इन के लिए अलग से अधिकरण बना दिए हैं। वैसे प्रकृति में ये सभी मामले दीवानी मामले हैं।
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