दीवानों की हस्ती' -कविता में 'दीवाने' किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहते हैं ?
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Deewane logo ke sukhi jeevan ki kamna karte hai, ve chahate hai ki log Jahan bhi rahe hasi Khushi apna jeevan viyetit kare. Deewane logo ko khushiya baatna chahte hai tatha azaadi ke liye kurbani ki disha mai aage bhadna chahte hai
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दीवानों की हस्ती' -कविता में 'दीवाने' स्वच्छंद प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहते हैंI
Explanation:
- दीवाने की हस्ती भगवती चरण वर्मा द्वारा लिखी गई है।
- हिंदी साहित्य के चर्चित लेखक श्री भगवती चरण वर्मा का जन्म सन् 1903 में, उत्तर प्रदेश के उन्नाव के शफीपुर में। इलाहाबाद (अबा प्रयागराज) से बी और एलबी की प्राप्त प्राप्त की। पोस्ट लिखने पर पोस्ट किया गया, बाद में पोस्टिंग में पोस्ट किया गया।
- प्रेमियों की कविता में कवि भगवती प्रसाद वर्मा जी का स्वभाव शांत और लापरवाह व्यक्ति है। इस प्रकार भिन्न-भिन्न होते हैं, केवल विशेष सुख होते हैं। उनका हर रूप मन को भाता है, भले ही किसी की आंखों में आंसू आ जाएं।
- कवि कभी भी एक जगह पर ज्यादा समय तक नहीं टिकते हैं। वे तो संसार को कुछ मीठी-प्यारी यादें और एहसास देकर, अपने सफर पर निकल पड़ते हैं। कवि लोग सांसारिक बंधनों में बंधे नहीं होते, इसीलिए वो दुख और सुख, दोनों को एक समान रूप से स्वीकारते हैं। यही उनके हमेशा ख़ुश रहने की प्रमुख वजह है।
इस प्रकार यह उत्तर है।
#SPJ3
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