' दीवानों की हस्ती ' कविता से हमे क्या सिख मिलती हैं ।
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Explanation:
इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि हमारे मन मै देशप्रेम की भगवान होनी चाहिए।
हम केवल ' स्व ' होतू नहीं बल्कि पर हेतु जीना चाहिए।
अपने रिश्ते - नातो से भी बढ़कर सभी देसावसियो के बारे में सोचना चाहिए और देश पर यादि कोई विप ति आ जाए तो सर्वस्व समर्पण करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
जिस प्रकार दीवानों की हस्ती कविता में वीर सेनानी केवल देश हेतु की जीवन जाता है बाकी सभी बंधानो को तोड देने में विश्वास कर ता है।
प्रस्तुत कविता में कवि का मस्त-मौला और बेफिक्री का स्वभाव दिखाया गया है । मस्त-मौला स्वभाव का व्यक्ति जहां जाता है खुशियाँ फैलाता है। वह हर रूप में प्रसन्नता देने वाला है चाहे वह ख़ुशी हो या आँखों में आया आँसू हो। कवि ‘बहते पानी-रमते जोगी’ वाली कहावत के अनुसार एक जगह नहीं टिकते। वह कुछ यादें संसार को देकर और कुछ यादें लेकर अपने नये-नये सफर पर चलते रहते हैं।
वह सुख और दुःख को समझकर एक भाव से स्वीकार करते हैं। कवि संसारिक नहीं हैं वे दीवाने हैं। वह संसार के सभी बंधनों से मुक्त हैं। इसलिए संसार में कोई अपना कोई पराया नहीं है।जिस जीवन को उन्होने खुद चुना है उससे वे प्रसन्न हैं और सदा चलते रहना चाहते हैं।
Answer:
इससे हमें शिक्षा मिलती है कि हमें माँगने के स्थान पर देना सीखना चाहिए। ऐसा मनुष्य बनना चाहिए कि जहाँ जाए लोग हमें सराहें तथा हमारे द्वारा समाज का कल्याण हो।
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