दीवानों को क्या पछतावा है?
स्वच्छंद न बन पाने का
भिखमंगे बनने का
लोगों को मस्त न बना पाने का
इनमें से कोई नहीं
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Answer: दीवानों के सीने पर अपने लक्ष्य स्वतंत्रता तथा लोगों को खुशहाल न बना पाने की असफलता का भार है। कवि ने दुनिया को भीखमंगा क्यों कहा है ? Answer: कवि ने दुनिया को भिखमंगा कहा है, क्योंकि इस संसार के पास देने के लिए कुछ नहीं।
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