दीवानों की राह निश्चित क्यों नहीं है?वह एक स्थान पर क्यों नहीं टिकते हैं?
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उत्तर - कवि को दुनिया की कोई परवाह नहीं है। न उसे किसी बात का दुःख है और ना ही किसी बात की खुशी। उसका रुकने का कोई निश्चित स्थान नहीं है। यही कारण है की कवि ने अपने जीवन को मस्त कहा है।
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