देव नाम प्रिय एवं प्रियदर्शी नामक उपाधि किसके द्वारा बनाई गई थी
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Shiv Sena's Kota I think
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देवानांपिय एवं पियदस्सी नामक उपाधि मौर्य सम्राट 'असोक' (या अशोक) द्वारा अपनाई गई।
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‘देवानांपिय’ और ‘पियदस्सी’ उपाधियां प्राचीन भारत के यशस्वी मौर्य सम्राट ‘असोक’ द्वारा अपनाई गई उपाधियां थी। असोक द्वारा बनवाये गये अनेक अभिलेखों में असोक का नाम की जगह उनकी उपाधियों का प्रयोग किया गया है, जिनमें ‘देवानांपिय’ और ‘पियदस्सी’ उपाधियां हैं।
‘देवानांपिय’ का अर्थ होता है, ‘देवताओं को प्रिय’ अर्थात देवताओं का निकट हो और ‘पियदस्सी’ का अर्थ होता है, ‘देखने में सुंदर’ या आकर्षक।
अपने शासनकाल में असोक ने यह उपाधियां धारण कीं थीं। असोक के अनेक अभिलेखों में उनके नाम के स्थान पर उनके लिये इन उपाधियों से संबोधित किया गया है, तो बहुत से अभिलेखों में असोक का नाम और उपाधियाँ दोनों का उल्लेख मिलता है।
अर्थात यह नाम अशोक को इसलिए मिला क्योंकी कलिंग युद्ध के बाद असोक ने शस्त्र छोडकर शाहत्रों को ग्रहण कर लिया था, उसने धर्म के मार्ग को अपना लिया था.