द्वार की सांकल कैसे खोली जा सकती है ? 'वाख ' कविता के आधार पर बताइए |
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ललद्यद ने सुझाव दिया है कि भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखो । न तो भोगो में लिप्त रहो और न ही १ारीर को सुखाओ ; बल्कि मध्यम मार्ग को अपनाओ । तभी द्वार खुलेगा ।
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