Hindi, asked by roshni4741, 7 months ago

द्वार की सांकल कैसे खोली जा सकती है ? 'वाख ' कविता के आधार पर बताइए |


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Answered by kavitayadav22781
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Answer:

ललद्यद ने सुझाव दिया है कि भोग और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखो । न तो भोगो में लिप्त रहो और न ही १ारीर को सुखाओ ; बल्कि मध्यम मार्ग को अपनाओ । तभी द्वार खुलेगा ।

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